PATNA: परिवार से लेकर पार्टी में जंग लड़ रहे लालू प्रसाद यादव के बडे बेटे तेजप्रताप यादव ने राजद के खिलाफ खुले विद्रोह का एलान कर ही दिया है। तेजप्रताप यादव ने बिहार में दो सीटों पर हो रहे विधानसभा उप चुनाव में एक सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार को समर्थन करने का एलान कर दिया है।
तेजप्रताप ने उसी कांग्रेस के उम्मीदवार को समर्थन करने का एलान किया है, जो विधानसभा उप चुनाव में तेजस्वी औऱ लालू को जी भर के कोस रही है. कांग्रेस ने बिहार में महागठबंधन के खत्म हो जाने का भी एलान कर रखा है।
तेजप्रताप ने जारी किया पत्र
तेजप्रताप यादव ने अपने संगठन छात्र जनशक्ति परिषद की ओर से पत्र जारी किया है. ये पत्र खुद तेजप्रताप यादव की ओर से जारी किया गया है. तेजप्रताप ने कहा है कि विधानसभा की दो सीटों के लिए हो रहे उप चुनाव में छात्र जनशक्ति परिषद कुशेश्वरस्थान से कांग्रेस के उम्मीदवार अतिरेक कुमार को अपना समर्थन देगी।
तेजप्रताप यादव ने कहा है कि उनका संगठन जी-जान से अतिरेक कुमार को जीत दिलाने के लिए काम करेगा. हालांकि इसी पत्र में उन्होंने तारापुर से राजद उम्मीदवार अरूण कुमार साह को भी समर्थन देने का एलान किया है।
तेजप्रताप ने बना ली अलग पार्टी?
पिछले दो-तीन महीने से राजद से अलग होकर काम कर रहे तेजप्रताप यादव ने अपना एक संगठन छात्र जनशक्ति परिषद का गठन किया है. हालांकि पहले ये कहा गया कि यह गैर राजनीतिक संगठन है. लेकिन तेजप्रताप यादव के परिषद ने राजनीतिक संगठन के तौर पर काम करना शुरू कर दिया है. इससे पहले तेजप्रताप के छात्र जनशक्ति परिषद ने तारापुर सीट से अपना उम्मीदवार संजय यादव को उतारा था।
संजय यादव ने नामांकन के बाद कहा था कि वे तेजप्रताप यादव के उम्मीदवार हैं औऱ उनके निर्देश पर ही नामांकन किया है. ये अलग बात है कि अगले ही दिन तेजप्रताप यादव के उम्मीदवार ने पाला बदल लिया औऱ तेजस्वी से मिलकर खुद को राजद का वफादार सिपाही बता दिया. संजय यादव ने नामांकन भी वापस ले लिया। बाद में तेजप्रताप यादव ने इस मामले से पल्ला झाड़ लिया. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव के सलाहकार उनके खिलाफ घटिया स्क्रिप्ट रच रहे हैं. तेजप्रताप ने कहा कि संजय यादव को तारापुर से मैदान में उतारने में उनकी कोई भूमिका नहीं थी.
खुल कर सामने आये तेजप्रताप यादव
वैसे आज जो पत्र तेजप्रताप यादव ने जारी किया है उससे इतना तो साफ हो गया है कि वे खुलकर सामने आ गये हैं. उनके पत्र से स्पष्ट हो गया है कि राजद से उनका नाता टूट गया है. भले ही वे तकनीकी तौर पर राजद के विधायक हों लेकिन वे छात्र जनशक्ति परिषद के जरिये राजनीति करेंगे. तेजप्रपात ने ये भी साफ कर दिया है कि वे राजद के खिलाफ राजनीति करने में भी पीछे नहीं रहेंगे।
दरअसल बिहार में दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहा है जो जेडीयू से लेकर राजद और कांग्रेस के लिए जीवन मरण का सवाल बन गया है. इस उप चुनाव के लिए अहम बात ये भी रही है कि राजद ने कांग्रेस के एक सीट पर दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया. इसके बाद कांग्रेस ने राजद के खिलाफ जमकर बयानबाजी की. कांग्रेस ने दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिया. कांग्रेस ने यहां तक कह दिया कि उसकी मदद के बगैर तेजस्वी का मुख्यमंत्री बनने का सपना पूरा नहीं होगा।
अब तेजप्रताप यादव ने उसी कांग्रेस को अपना समर्थन दे दिया है. जानकार बताते हैं कि तेजप्रताप यादव पहले से ही कांग्रेस के संपर्क में थे. उप चुनाव की शुरूआत से कांग्रेस के नेता अशोक राम कह रहे थे कि तेजप्रताप यादव ने उनसे वादा किया है कि वे कांग्रेस का समर्थन करेंगे. तेजप्रताप यादव उस वक्त इसका खंडन कर रहे थे. लेकिन अब तेजप्रताप यादव ने जो पत्र जारी किया है उससे साफ हो गया है कि वे सोंची समझी रणनीति के तहत पहले से ही काम कर रहे थे.