तेजस्वी को नेतृत्व मिलने की आशंकाओं से घिरे हैं तेज, राबड़ी देवी को अध्यक्ष बनाने की चर्चा को हवा

तेजस्वी को नेतृत्व मिलने की आशंकाओं से घिरे हैं तेज, राबड़ी देवी को अध्यक्ष बनाने की चर्चा को हवा

PATNA : पटना में आज आयोजित होने वाली आरजेडी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सांगठनिक के चुनाव का कार्यक्रम तय किया जाएगा। अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक अक्टूबर महीने में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव हो सकता है। ऐसा भी नहीं है कि मौजूदा राष्ट्रीय कार्यकारिणी में अध्यक्ष पद को लेकर कोई चर्चा होनी है या लालू यादव की जगह किसी और को अध्यक्ष बनाया जा सकता है। लेकिन पिछले कुछ वक्त से आरजेडी में राष्ट्रीय नेतृत्व को लेकर लगातार तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। लालू यादव का उत्तराधिकारी कौन होगा इसे लेकर नई चर्चा यह है कि पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को अध्यक्ष की कमान दी जा सकती है।


दर्शन राबड़ी देवी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा को किसी और ने नहीं बल्कि उनके ही बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के डिजिटल चैनल ने हवा दी है। आपको बता दें कि तेज प्रताप यादव इन दिनों अगरबत्ती से लेकर मल्टीग्रेन तक का कारोबार कर रहे हैं। तेज प्रताप यादव ने मीडिया सेक्टर में भी एंट्री मारी है। उनकी तरफ से एक चैनल भी चलाया जाता है। इसी यूट्यूब चैनल ने राबड़ी देवी को अध्यक्ष बनाए जाने वाली खबर चलाई है। हालांकि पार्टी के ज्यादातर नेताओं को इस बारे में कोई जानकारी नहीं पार्टी के आधिकारिक सूत्र कह रहे हैं कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव मौजूदा कार्यकारिणी का एजेंडा नहीं है। ऐसे में इस पर बात की जानी बेमानी है। खुद आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर तमाम अटकलों को खारिज कर चुके हैं। इसके बावजूद उनके ही बड़े लाल के चैनल पर राबड़ी देवी के अध्यक्ष बनने की संभावना जताई जा रही है।


तेज प्रताप के चैनल पर जिस तरह राबड़ी देवी को अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा वाली खबर है उसे देखते हुए सियासी जानकार इस पूरे घटनाक्रम को लालू परिवार के अंदर चल रहे सियासी खेल का नतीजा बता रहे हैं। सियासी जानकारों की माने तो तेज प्रताप यादव को ऐसा लग रहा है कि उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव को पार्टी की कमान दी जा सकती है। लालू की गैरमौजूदगी में तेजस्वी ही पार्टी का नेतृत्व करते रहे हैं। साल 2020 का विधानसभा चुनाव पर एसपी के नेतृत्व में ही लड़ा गया और इस वक्त पार्टी के तमाम छोटे-बड़े फैसले तेजस्वी ही लेते हैं। लालू प्रसाद के जमानत पर रिहा होने के बाद केवल उनकी सहमति तेजस्वी के लिए जरूरी है। ऐसे में अगर पार्टी का नेतृत्व तेजस्वी को दे दिया जाता है। तो तेज प्रताप खाली हाथ रह जाएंगे और इसी आशंका को देखते हुए अब उन्होंने राबड़ी देवी के नाम की चर्चा को हवा दे दिया है।