तेजस्वी पर उपमुख्यमंत्री ने कसा तंज, अब रानी के पेट से राजा पैदा नहीं होगा

तेजस्वी पर उपमुख्यमंत्री ने कसा तंज, अब रानी के पेट से राजा पैदा नहीं होगा

PATNA: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के छोटे पुत्र तेजस्वी यादव पर वर्तमान उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने तंज कसा है। उन्होंने कहा है कि अब रानी के पेट से राजा पैदा नहीं होगा। अब वंशवाद की राजनीति नहीं चलेगी। विजय कुमार सिन्हा ने सवाल किया कि आप चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुए हैं? 5 बार विपक्ष के नेता रहने वाले तेजस्वी यह बताये कि आपने जनता के हित के लिए क्या किया?

 

विजय सिन्हा ने आगे कहा कि जब लैंड फोर जॉब मामले में ईडी और सीबीआई कार्रवाई करती है तब कहते हैं कि मैं तो उस वक्त बच्चा था। तेजस्वी यह भी बतायें कि करोड़ों की संपत्ति आपके पास कहां से आ गयी। दरअसल विधानसभा में विश्वासमत प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान तेजस्वी यादव के संबोधन के जवाब में डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने यह तंज कसा।


बता दें कि बिहार में भारी सियासी गहमागहमी के बीच आखिरकार नीतीश सरकार ने विधानसभा में अपना बहुमत साबित कर दिया। सरकार के पक्ष में कुल 129 विधायकों ने अपना समर्थन दिया और आरजेडी-कांग्रेस का खेला करने का दावा खोखला साबित हो गया। विपक्ष को सदन में मिली शिकस्त पर डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने हमला बोला है। विजय सिन्हा ने कहा कि बिहार में अब जाति नहीं बिहारी महत्वपूर्ण होगा।


डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने कहा कि हमने तो पहले ही कहा था कि जिसकी कल्पना उन लोगों ने नहीं की होगी वह चीज होगा। खेला करने में वे लोग असफल है, अभी तो सिर्फ झांकी है पूरी फिल्म तो अभी बाकी है। विधायिका के सम्मान के लिए अध्यक्ष के नाते सदन में पक्ष हो या विपक्ष हो सबका हमने सम्मान किया है और हर विधायक वह शुभ दिन देखना चाहता है। विधायकों को बंधूआ मजदूर की तरह बांधकर रखने वाले इससे सबक लेंगे कि विधायकों का अपमान नहीं किया जा सकता।


उन्होंने कहा कि वंशवाद, परिवारवाद और जातिवाद की राजनीति करने वाले ये एक बड़ा तमाचा है। जिन लोगों ने जाति के नाम पर उन्माद फैलाने की कोशिश की है उसके खिलाफ संकल्प लिया है कि बिहार के अंदर जाति विहीन समाज बनाएंगे और भ्रष्टाचार मुक्त भारत का पीएम मोदी का सपना साकार होगा। जिस जाति के लोगों को लेकर वे लोग गिनती गिन रहे थे कि खेला हो जाएगा आज उनकी जाति के लोगों ने भी तमाचा मारने का काम किया है। बिहार में अब जाति नहीं बिहारी महत्वपूर्ण है।