PATNA: बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और मंत्री तेजप्रताप यादव के मामा सुभाष यादव सहित 7 लोगों पर पटना के बिहटा थाने में केस दर्ज हुआ है। पटना में 7 कट्ठा जमीन पर कब्जा किये जाने का आरोप भीम वर्मा नामक शख्स ने लगाया है। इस मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर भीम वर्मा हरेक सोमवार को एक अणे मार्ग में लगने वाले मुख्यमंत्री के जनता दरबार में गया था। जनता दरबार में मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई थी।
सीएम नीतीश ने उसकी बातें सुनने के बाद इस संबंध में अधिकारियों से बात की और इस मामले पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। सीएम के आदेश के बाद पटना डीएम डॉ. चंद्रशेखर और पटना एसएसपी राजीव मिश्रा ने मामले की जांच की। जिसके बाद 96 लाख रूपये की इस जमीन विवाद मामले में आरोपी लालू के छोटे साले सुभाष यादव के खिलाफ बिहटा थाने में पीड़ित ने केस दर्ज कराया। सुभाष यादव के साथ-साथ उनकी पत्नी रेणु देवी, बेटे रणधीर यादव सहित 7 लोगों के खिलाफ भी जबरन जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया।
पीड़ित भीम वर्मा ने बताया कि नेउरा के बेला में 7 कट्ठा जमीन है। जिसे बेचने के लिए उनके पिता सुरेश वर्मा ने गांव में रहने वाले अरुण उर्फ मुंशी मुखिया से 3 महीने का एग्रीमेंट किया था। लेकिन एग्रीमेंट कराये 3 साल हो गये लेकिन ना तो बाकी पैसा दिया गया और ना ही रजिस्ट्री करायी गयी। यहां तक कि ऑरिजनल एग्रीमेंट पेपर भी रख लिया। अरुण से इस संबंध में कई बार बात की गयी लेकिन वह हमेशा आज कल कहकर बात को टाल रहा था। इसी बीच राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के छोटे साले व पूर्व राज्यसभा सांसद सुभाष यादव की पत्नी रेणु देवी ने पटना स्थित आवास पर बुलाया।
पीड़ित भीम वर्मा ने बताया कि जब घर पर बुलाया गया तब उनके पिता ने कहा था कि उन्होंने गांव के अरुण कुमार से एग्रीमेंट किया है। अब वे कैसे जमीन किसी दूसरे के नाम करेंगे। ऐसा करने से उन्होंने इनकार किया था जिसके बाद सुभाष यादव ने कहा था कि चाहे जो कुछ हो जाए जमीन तो हम ही लेंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में गये पीड़ित भीम वर्मा ने यह भी कहा कि 27 फरवरी 2021 को खुद सुभाष यादव का फोन आया कहा कि भाई और मां को लेकर मेरे घर पर पहुंचो। जब वे सुभाष यादव के आवास पर गये तो देखा कि वहां पहले से अरुण कुमार उर्फ मुखिया बैठा हुआ था। हमें देखते ही वह कहने लगा तो जो सर कहेंगे हम तैयार है। जमीन मुझे नहीं चाहिए सर जी को दे दो।
जिसके बाद 96 लाख रूपये में जमीन का सौदा तय हुआ। तब 60 लाख 50 हजार रूपया पेमेंट कर रजिस्ट्री करा ली गई। बाकि पैसा मांगने पर सुभाष यादव धमकी देने लगे। पीड़ित ने बताया कि इस दौरान मां और भाई को बंधक बनाया गया। फिर अपने गुर्गो को घर पर भिजवाकर दिये गये पैसे मंगवा लिया और गोली मारने की धमकी दी। पीड़ित ने बताया कि सुभाष यादव ने कहा कि इस बात की जानकारी किसी को दी तो जान मरवा देंगे।
जिसके बाद पीड़ित परिवार न्याय के लिए दर-दर की ठोकर खा रहा था। थाने में सुभाष यादव के खिलाफ केस दर्ज नहीं हो रहा था। जिसके बाद पीड़ित मुख्यमंत्री के जनता दरबार में फरियाद लगाने पहुंच गया जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मामले की जांच के आदेश अधिकारियों को दिये। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद सुभाष यादव, पत्नी, बेटे सहित सात लोगों के खिलाफ बिहटा थाने में धोखाधड़ी और रंगदारी का मामला दर्ज किया गया। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है।