PATNA : जातीय जनगणना को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर से स्थिति स्पष्ट की है। सीएम ने कहा है कि जातीय जनगणना का मुद्दा छोड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता। केंद्र की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दायर किए गए हलफनामे को लेकर नीतीश कुमार ने कहा कि यह बात सामने आ गई है. हमने बिहार की बेहतरी के लिए जातीय जनगणना की मांग रखी थी। बैठक बुलाए जाने के सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि आगे भी हम सभी राजनीतिक दलों को लेकर पहल करेंगे। नीतीश कुमार ने कहा कि जातीय जनगणना का मुद्दा वह छोड़ने वाले नहीं है।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की तरफ से नीतीश कुमार को लिखे गए लेटर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वह ऐसे पत्रों को मीडिया के जरिए देख लेते हैं। नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में बाढ़ से बचाव और बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए हर काम किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रक्रिया के मुताबिक केंद्रीय टीम बिहार का दौरा करके वापस जा चुकी है और बिहार सरकार ने बाढ़ प्रभावितों को हर संभव मदद दिया है। ना केवल बाढ़ राहत कैंपों में उन्हें सुविधाएं दी गई हैं बल्कि कोरोना की टेस्टिंग से लेकर कोरोना की वैक्सीन तक की सुविधा बाढ़ प्रभावित इलाकों में मुहैया कराई गई है।
नीतीश कुमार ने कहा कि साल 2007 को छोड़कर कभी ऐसी स्थिति नहीं आई कि बिहार में बाढ़ को लेकर हमें केंद्र से गुहार लगानी पड़ी हो। 2007 में कोसी त्रासदी के बाद हमने तत्कालीन यूपीए सरकार से गुहार लगाई थी। उसके बाद हमें थोड़ा बहुत कुछ मिला था। नीतीश कुमार ने कहा कि अब सब कुछ प्रक्रिया के मुताबिक होता है। केंद्र की तरफ से राज्यों को मिलने वाली सहूलियतों में बाढ़ से प्रभावित इलाकों को लेकर आर्थिक मदद भी शामिल है। नीतीश कुमार ने कहा कि हमने अपने संसाधनों का इस्तेमाल करते हुए बाढ़ प्रभावित इलाकों में काम किया है और केंद्र भी इसमें मदद करेगा।