तेजस्वी यादव ने तोड़ा अपने ही पिता का रिकार्ड, जानिए किस मामले में बेटे से पिछड़ गए लालू यादव

तेजस्वी यादव ने तोड़ा अपने ही पिता का रिकार्ड, जानिए किस मामले में बेटे से पिछड़ गए लालू यादव

PATNA :  बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और तीसरे चरण के लिए जोरशोर के साथ चुनाव प्रचार हो रहा है. तमाम पार्टियों के बड़े नेता जनसभा को संबोधित करने में जुटे हुए हैं. बिहार के नेता प्रतिपक्ष और राजद नेता तेजस्वी यादव भी ताबड़तोड़ रैलियों को संबोधित कर रहे हैं. तेजस्वी यादव अपने उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए जीतोड़ मेहनत कर रहे हैं. उन्होंने अपने ही पिता को पीछे छोड़ दिया है.




नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने पिता और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का रिकार्ड तोड़ दिया है. तेजस्वी यादव ने एक दिन में सबसे ज्यादा रैलियों को संबोधित करने का नया रिकार्ड कायम किया है. तेजस्वी ने शनिवार को कुल 19 जनसभाओं को संबोधित किया, जो कि लाली प्रसाद यादव की ओर से एक दिन में किये गए 17 रैलियों से भी ज्यादा है.




बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए चुनाव प्रचार खत्म होने से ठीक एक दिन पहले अपने विधानसभा क्षेत्र वैशाली जिले के राघोपुर में तेजस्वी यादव ने लोगों से कहा कि उनके पिता लालू प्रसाद यादव ने एक दिन में रिकार्ड 17 जनसभाओं को संबोधित किया था, आज उन्होंने कुल 19 जनसभाओं को संबोधित किया.


तेजस्वी यादव बिहार में महागठबंधन के तरफ से मुख्यमंत्री के उम्मीदवार हैं. तेजस्वी महागठबंधन के इकलौते ऐसे स्टार प्रचारक हैं, जो प्रतिदिन सबसे ज्यादा जनसभा कर रहे हैं. शनिवार को तेजस्वी चुनावी जनसभा करते-करते एक रिकॉर्ड ही बना डाला. खुद राघोपुर की जनता के बीच जनसभा में उमड़ी भारी भीड़ को देखकर तेजस्वी काफी गदगद दिखे.


नेता प्रतिपक्ष और राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि 10 लाख बेरोजगारों को नौकरी देने का वादा कोई हवा-हवाई नहीं है. इस दौरान उन्होंने सत्ताधारी दलों के नेताओं के ऊपर जमकर निशाना साधा. तेजस्वी यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने लोगों से दवाई, कमाई और बच्चों की पढ़ाई छीन ली. इस कारण इस सरकार की विदाई तय है. हमारी सरकार बनी तो कैबिनेट की पहली बैठक में 10 लाख नौकरियों पर हस्ताक्षर करेंगे.आईटी सेक्टर की स्थापना होगी.


उन्होंने कहा कि कोरोना काल में कोई कोरोना से नहीं मरे. भूख और इलाज के अभाव में लोगों की मौत हुई. इसके लिए राज्य एवं केंद्र सरकार तक दोषी हैं. बिहार के लोग इस सरकार से त्रस्त हैं. खासकर किसानों और युवा वर्ग को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है. बेरोजगारी चरम पर है. स्कूल में पढ़ाई की व्यवस्था चौपट है.