PATNA : नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार में खराब स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर एक बार फिर नीतीश सरकार पर निशाना साधा है। तेजस्वी यादव ने इसके लिए सीएजी की रिपोर्ट का हवाला दिया है। तेजस्वी ने कहा है कि बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था खुद मरणासन्न स्थिति में है और इसे लेकर सीएजी की जो रिपोर्ट सामने आई है वह मेरी बातों को सही साबित करता है। नीति आयोग के मुताबिक बिहार स्वास्थ्य के क्षेत्र में सभी मानकों पर निचले पायदान पर है।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा है.. मैंने पूर्व में भी बिहार की मरणासन्न स्वास्थ्य व्यवस्था को आपके सामने और सदन के पटल पर रखा था। CAG की रिपोर्ट ने भी मेरी बातों का सत्य पाया है। नीति आयोग अनुसार बिहार स्वास्थ्य क्षेत्र के सभी मानकों पर निचले पायदान पर है। बिहार में 69% डाक्टर, 92% नर्स व 56% शिक्षकों की कमी है। 16 वर्षों के CM श्री नीतीश कुमार ICU में भर्ती बिहार की मरणासन्न स्वास्थ्य सेवा के दोषी क्या सम्राट अशोक, चंद्रगुप्त मौर्य, अकबर या फिर हड़प्पा काल को ठहरायेंगे? मुख्यमंत्री जी से तार्किक और तथ्यात्मक सवाल मत पूछना अन्यथा वो ग़ुस्से से लाल-पीला होकर जंगलराज-जंगलराज चिल्लाएँगे।
तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार को घेरने के लिए सीएजी की जिस रिपोर्ट का हवाला दिया है। उसके मुताबिक के 10 साल में राज्य के अंदर 11 मेडिकल और एक डेंटल कॉलेज खुलने वाले थे लेकिन दो ही अस्तित्व में आ सके। 61 में से दो नर्सिंग संस्थान ही चालू किया जा सके। इतना ही नहीं सीएजी की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बिहार में फिजीशियन डॉक्टरों की 61 फ़ीसदी कमी है। डेंटल डॉक्टरों की 69 फ़ीसदी और राज्य में नर्सों की 92 फीसदी की कमी है। राज्य के मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों की कमी 56 फीसदी है लिहाजा सूबे के मेडिकल कॉलेजों में ठीक तरीके से पढ़ाई नहीं हो पा रही। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की निर्धारित गाइडलाइन के मुताबिक के छात्रों को जितने घंटे पढ़ाना चाहिए उसमें 14 से 52 फ़ीसदी की कमी है। रिपोर्ट के मुताबिक के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए मिली राशि में से 75 फ़ीसदी का इस्तेमाल बिहार सरकार नहीं कर सकी है। बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सीएजी की रिपोर्ट को तेजस्वी ने आधार बनाया है और नीतीश सरकार से सवाल पूछे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे राज्य के अंदर हेल्थ सेक्टर में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को लेकर लगातार दावे करते रहे हैं। डाक्टरों की नियुक्ति के साथ ही कमी दूर करने का दावा भी कर रहे हैं लेकिन फिलहाल को जिस रिपोर्ट को आधार बनाकर तेजस्वी ने सरकार को घेरा है उसपर नए सिरे से जवाब देना होगा।