PATNA : विधानसभा चुनाव में बेरोजगारी को मुद्दा बनाने के लिए तेजस्वी यादव ने जो पहल की थी उसमें उन्हें सफलता मिलती दिख रही है तेजस्वी यादव ने बेरोजगारी के खिलाफ लालटेन जलाकर अभियान की शुरुआत की थी. हालांकि तेजस्वी की अपील पर ब्लैक आउट तो सफल नहीं हुआ. लेकिन उनके बेरोजगारी हटाओ पोर्टल पर लगातार युवाओं की संख्या बढ़ रही है. बेरोजगारी होटल 50 हजार से ज्यादा युवा जुड़ रहे हैं. पिछले 9 दिनों में 5 लाख से ज्यादा रजिस्ट्रेशन इस पोर्टल पर हो चुका है.
सत्ता में आने पर नौकरी देने का दावा
तेजस्वी यादव ने युवाओं से वादा किया है कि अगर बिहार में सरकार उनकी बनती है तो युवाओं को वह रोजगार देंगे. तेजस्वी यादव कह चुके हैं कि बिहार में बेरोजगारी 46.6 प्रतिशत है. इस बार आरजेडी ने बेरोजगारी को मुद्दा पर बनाया है.
तेजस्वी ने इन मुद्दों पर नीतीश कुमार से मांगा जवाब
1. देश में सबसे अधिक बेरोज़गारी बिहार में क्यों है? 15 वर्षों की एनडीए सरकार बताए कि बिहार में IT कंपनियां क्यों नहीं बुलाई गयी? क्यों नहीं आयी और क्यों नहीं आ सकती ? बिहार में आईटी पार्क और SEZs क्यों नहीं बन सकते?
2. बिहार में केला, मकई, मखाना, चावल, गन्ना, आलू, लीची, आम इत्यादि अनेकों विश्व प्रसिद्ध अनाज, फल, सब्ज़ियों का इतना उत्पादन होता है तो फिर इन सभी से संबंधित खाद्य प्रसंस्करण उद्योग 15 वर्षों में क्यों नहीं लगाए गए और क्यों नहीं लग सकते ? 15 वर्षों की सरकार जवाब दें?
3. बिहार दूसरे प्रदेशों जैसे आंध्र प्रदेश से मछली ख़रीदता है ? 15 वर्षों की सरकार बताए कि हम बिहार तमाम मछली उत्पादन संबंधित संसाधन होने के बावजूद यहां ऐसी व्यवस्था क्यों नहीं कर सकते? बिहार में मछली उत्पादन को बढ़ावा देकर, यहां ज़िलावार मछली बाज़ार लगाकर मछुआरों की आमदनी और उत्पादन क्यों नहीं बढ़ा सकते?
4. 15 वर्षों की नीतीश सरकार बताए, बिहार में इंडस्ट्री स्पेसिफ़िक क्लस्टर क्यों नहीं लगाए जा सकते?
5. 15 वर्षों की सरकार बताए, बिहार में डेयरी प्रॉडक्ट्स यानि दुग्ध उत्पादन संबंधित बड़े उद्योग क्यों नहीं लगाए जा सकते? बिहार का दूध, घी, मक्खन, चीज, पनीर, खोया इत्यादि दूसरे प्रदेशों और देशों में क्यों नहीं भेजा जा सकता?
6. 15 वर्षों की सरकार बताए, उन्होंने बुनकर उद्योग, लघु उद्योग और हथकरघा उद्योग के लिए क्या किया? बड़े पैमाने पर इन उद्योग़ो को बढ़ावा क्यों नहीं दिया जा रहा?
7. बिहार में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। 15 वर्षों की सरकार बताए उन्होंने बिहार को अबतक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित क्यों नहीं किया?
8. सरकार विभिन्न विभागों में लंबित साढ़े चार लाख से अधिक रिक्तियों पर नियुक्तियां क्यों नहीं करती?
9. 15 वर्षों की सरकार नियुक्ति, भर्ती परीक्षा और प्रक्रिया को पारदर्शी तथा नियमित क्यों नहीं करती?
10. सरकार बिहार के स्थायी निवासियों के लिए 90 फ़ीसदी नौकरी आरक्षित करने का प्रावधान करने वाली हमारी डोमिसाइल नीति की मांग स्वीकार क्यों नहीं करती?
11. 15 वर्षों की सरकार बताए कि आपने 15 वर्षों में बिहार मेंकुल कितनी नौकरियां प्रदान की?
12. 15 वर्षों में हुई कुल नियुक्तियों का ज़िलावार और वर्गवार आंकड़ा प्रस्तुत करे?
13. 15 वर्षों में बिहार से कुल कितना पलायन हुआ? बिहार में अप्रत्याशित दर से पलायन क्यों बढ़ रहा है?
14. 15 वर्षों में बिहार में कुल कितने उद्योग-धंधे और कल-कारख़ाने लगे?
15. 15 वर्षों में पहले से चालू कितनी चीनी मिल, जूट मिल, पेपर मिल एवं दूसरे उद्योग और कारख़ाने बंद हुए और उससे बिहार को कुल कितने राजस्व व रोज़गार के अवसरों की हानि हुई?
16. 15 वर्षों में बिहार का कुल कितने लाख करोड़ शिक्षा और चिकित्सा के नाम पर दूसरे प्रदेशों में गया?
17. बिहार के मानव संसाधन का कुल कितने प्रतिशत बिहार में और दूसरे प्रदेशों में कार्यरत है ? आशा है बिहार के करोड़ों बेरोज़गार युवाओं के भविष्य से संबंधित इन अतिआवश्यक सवालों का जवाब मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री अवश्य देंगे.
लॉकडाउन के दौरान से बनाया मुद्दा
देश में जब पहली बार लॉकडाउन लगा तो उस दौरान से ही तेजस्वी यादव ने युवाओं और प्रवासी मजदूरों का मुद्दा बनाया. कोटा में फंसे छात्रों का लाने के लिए भी उन्होंने सरकार पर दवाब बनाया. इसे अलावे गाड़ी के अभाव में दिल्ली से पैदल आने वाले लोगों के बारे में ट्रेन से बिहार लाने के लिए तेजस्वी यादव ने मांग की. इसके बाद से तेजस्वी यादव ने बेरोजगारी और पलायन को विधानसभा चुनाव पर खास फोकस किया है. इस मुद्दे को लेकर बार-बार सरकार को घेर रहे हैं. लॉकडाउन से पहले बेरोजगारी हटाओ यात्रा पर भी निकले थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण यात्रा को स्थगित करना पड़ा.