शिक्षक संघ अध्यक्ष केदार नाथ पांडेय ने अपर मुख्य सचिव को लिखी चिट्ठी, D.P.ED और B.P.ED ट्रेंड शिक्षकों को प्रिंसिपल बनाने की मांग

शिक्षक संघ अध्यक्ष केदार नाथ पांडेय ने अपर मुख्य सचिव को लिखी चिट्ठी, D.P.ED और B.P.ED ट्रेंड शिक्षकों को प्रिंसिपल बनाने की मांग

PATNA:  बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव से पटना हाईकोर्ट के फैसले के बाद डीपीएड और बीपीएड योग्यताधारी शारीरिक प्रशिक्षित शिक्षकों को वरीयता और योग्यता का लाभ देते हुए राजकीय, राजकीयकृत और प्रोजेक्ट उच्च एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में प्रिंसिपल और प्रभारी प्रिंसिपल के पद पर नियुक्त करने संबंधी आदेश जारी करने का आग्रह किया है. साथ ही साथ बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से ऐसे शिक्षकों को मूल्यांकन कार्य में लगाये जाने की मांग की है. संघ के अध्यक्ष सह विधान पार्षद केदारनाथ पांडेय ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिख कर पिछले दिनों पटना हाईकोर्ट के पारित आदेश के बाद कहा है कि कोर्ट ने डीपीएड और बीपीएड ट्रेंड योग्यताधारी शारीरिक प्रशिक्षित शिक्षक प्रधानाध्यापक व प्रभारी प्रधानाध्यापक नियुक्त किये जा सकेंगे, और इस आधार पर उन्हें वंचित नहीं किया जा सकता है. साथ ही साथ ऐसे शिक्षकों को सभी प्रकार से सक्षम घोषित किया है. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा पहले भी राज्य के सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में डीपीएड और बीपीएड प्रशिक्षण योग्यताधारी शारीरिक शिक्षकों को प्रधानाध्यापक व प्रभारी प्रधानाध्यापक नियुक्त किये जाते थे, लेकिन पिछले सालों में शिक्षा विभाग की तरफ से इन शिक्षकों को योग्यता के बाद भी प्रधानाध्यापक व प्रभारी प्रधानाध्यापक नियुक्त करने का प्रावधान निलंबित कर दिया गया था, जिससे सभी प्रकार से योग्य शारीरिक प्रशिक्षित शिक्षक जो स्नातकोत्तर व स्नातक प्रतिष्ठा की डिग्रीधारी हैं, उनमें आक्रोश था. उन्होंने कहा कि शारीरिक प्रशिक्षित शिक्षक दूसरे शिक्षकों की तरह किसी न किसी विषय में स्नातक ऑनर्स और स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल किये हुए हैं और वे अपने स्कूलों में पूरी दक्षता के साथ के अपने विषय को पढ़ाने का काम भी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि समिति की तरफ से पहले भी इन शिक्षकों को मूल्यांकन काम में परीक्षक और  प्रधान परीक्षक नियुक्त किया जाता था मगर पिछले सालों में समिति की तरफ से इस आधार पर कि उनका पद शारीरिक शिक्षक का है, मूल्याकंन कार्य से वंचित कर दिया गया है.