PATNA: पटना हाईकोर्ट ने जातीय गणना पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश वी. चंद्रन की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया। अब इस मामले पर अगली सुनवाई 3 जुलाई को होगी। जातीय गणना पर तत्काल रोक लगाये जाने के हाईकोर्ट के आदेश का बीजेपी ने स्वागत किया है। पूर्व डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि राज्य सरकार ने अपना पक्ष बेहतर ढंग से कोर्ट में नहीं रखा। नीतीश सरकार की यह कतई मंशा नहीं है कि बिहार में जातीय गणना हो।
तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि जातीय गणना का निर्णय एनडीए की सरकार ने लिया था। उस वक्त बिहार में दो-दो डिप्टी सीएम थे। तारकिशोर प्रसाद उनमें से एक थे। तारकिशोर प्रसाद ने नीतीश पर हमला बोला। कहा महागठबंध के साथ जुड़ने के बाद नीतीश कुमार को इन सारी चीजों को जितने बेहतर ढंग से लागू करना चाहिए था लागू नहीं कर पाये। महागठबंधन की सरकार ने कोर्ट में अपना पक्ष बेहतर ढंग से नहीं रखा। जिसके कारण न्यायालय ने स्थगन का आदेश पारित किया है।
उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार की यह कतई मंशा नहीं है कि बिहार में जातीय गणना हो। क्योंकि जब वे एनडीए में थे तब हम सभी ने मिलकर बिहार में जातीय गणना कराने का फैसला लिये थे। यह फैसला महागठबंधन की सरकार का नहीं था बल्कि एनडीए की सरकार का था। हम सभी ने मिलकर यह फैसला लिया जिसके बाद जातीय गणना पर काम भी शुरू हो गया। कैबिनेट में संख्या बल के आधार पर भी सबसे ज्यादा मंत्री बीजेपी से थे।
तारकिशोर ने राजद पर हमला बोलते हुए कहा कि राजद के नेताओं का बयान सामने आया है जो काफी बचकाना बयान है और काफी हास्यास्पद भी है। उनका ईशारा डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद तेजस्वी यादव ने कहा था कि आज नहीं तो कल जातीय गणना होकर रहेगी। हम जातीय गणना कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बिहार की जनता भी चाहती है कि जातीय गणना करायी जाए। यह बिहार के लोगों के हित के लिए हैं। वे इसकी लड़ाई आगे भी लड़ते रहेंगे। तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि जातीय गणना कराने का फैसला सर्वसम्मति से लिया गया था। यह किसी जाति विशेष के लिए नहीं हो रहा था बल्कि सबके के लिए किया जा रहा था। सभी जातियों का विकास हो इसके लिए हमलोगों ने यह फैसला लिया था। तेजस्वी यादव के इस बयान को लेकर बीजेपी नेता तारकिशोर ने कहा कि यह बचकाना बयान है।
तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि जातीय गणना के आधार वैसे वर्ग थे जो हासिये पर हैं। उन तक योजनाएं पहुंचे इसी को लेकर जातीय गणना बिहार में कराने का निर्णय लिया गया। बीजेपी के नेता भी यही चाहते थे कि बिहार में जातीय गणना हो लेकिन बिहार का दुर्भाग्य है कि जिस गंभीरता से हमलोगों ने इसे लागू कराया था उस गंभीरता से महागठबंधन की सरकार ने इसे नहीं लिया।