JAMUI: जमुई के सिकंदरा प्रखंड के सिझौड़ी गांव में मंगलवार को तालाब की खुदाई के दौरान भगवान सूर्य की दुर्लभ प्राचीन मूर्तियां निकली। जिसे देखने के लिए आस-पास के गांव के कई लोग बड़ी संख्या पहुंच गये। प्रतिमा के दर्शन को लेकर देर शाम तक भीड़ उमड़ रही।
इसकी सूचना जब गांव के बुद्धिजीवियों को मिली तो भी खुदाई वाले स्थान पर पहुंच गये और प्राचीन सूर्य की दुर्लभ प्रतिमा को उठाकर तालाब स्थित मंदिर में लाकर रख दिये। सिझौड़ी गांव निवासी राजीव कुमार मंडल ने बताया कि मिट्टी की जरूरत थी। इसीलिए गांव के पश्चिम तालाब के किनारे से मिट्टी की खुदाई की गयी।
खुदाई के क्रम में ही मजदूरों को काला पत्थर दिखाई दिया। जिसके बाद खुदाई के क्रम में भगवान सूर्य की दुर्लभ प्रतिमा का पूरा भाग सामने आया। प्रतिमा की लंबाई करीब तीन फीट है। फिलहाल इस अति प्राचीन भगवान सूर्य की प्रतिमा को मंदिर में रखा गया है और पूजा-अर्चना की जा रही है। भगवान सूर्य की प्रतिमा निकलने की सूचना पर सिझौड़ी गांव पहुंचे बीडीओ अमित कुमार, सीओ कृष्ण कुमार सौरभ एवं पुलिस प्रशासन की टीम ने प्रतिमा का अवलोकन किया।
जिसके बाद इस बात की सूचना पुरातत्व विभाग के शोध अधिकारी को दी। बता दें कि इससे पूर्व 4 मार्च 2022 को कुमार गांव के मां नेतुला मंदिर स्थित तालाब की सुंदरीकरण को लेकर चल रही खुदाई के दौरान भगवान की शिव की पाल कालीन नौवीं से दसवीं शताब्दी की दुर्लभ शिवलिंग निकली थी। वहीं 19 अगस्त 2022 को कृष्ण जन्मोत्सव अर्थात जन्माष्टमी के दिन लोहंडा गांव के तालाब में पालकालीन भगवान बलराम की मूर्ति निकली थी।
इस मामले में डॉ. रवि शंकर गुप्ता, पुरातत्ववेता ने बताया कि यह मुकुटधारी भगवान सूर्य की दुर्लभ प्रतिमा है, जो पालकालीन दसवीं शताब्दी काल की है। यह अच्छी प्रतिमा है, दोनों हाथ में कमल नीचे दंड, पिंगल बनी है। इस काल की काला पत्थर की प्रतिमाएं जमुई के आस पास प्रायः मिलता रहता है।