PATNA : पटना में गांधी सेतु से हाईटेक तरीके से वसूली करने वाले छह दारोगा समेत पटना के 45 पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज करने के मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है. सबूत के अभाव में सस्पेंड किए गए 45 पुलिसकर्मियों पर अब पटना पुलिस उन पर एफआईआर नहीं दर्ज कर सकेगी.
पटना पुलिस नहीं जुटा पाई सबूत
सस्पेंड किए गए सभी 45 पुलिसवालों के खिलाफ पटना पुलिस सबूत नहीं जुटा पाई है. खबर के मुताबिक इस केस में पुलिस ने निलंबन का आधार तो जुटा लिया, लेकिन पैसे लेकर भारी वाहनों को सेतु पर एंट्री दिलाने का कोई सबूत नहीं जुटा पाई, जिसके कारण न तो आलमगंज थाने और न ही अगमकुआं थाने में केस दर्ज किया जा सका.
साक्ष्य पहले जुटा सकती थी पुलिस
पटना पुलिस के लिए अवैध वसूली कर रहे पुलिसवाले के खिलाफ सबूत जुटाना कोई मुश्किल काम नहीं था. कार्रवाई करने से पहले उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ सबूत जमा किया जा सकता था. ड्यूटी के दौरान कई बार ऐसे पुलिस वालों का स्टिंग आ चुका है. पर पुलिस ने ऐसा कोई भी साक्ष्य नहीं जुटाआ. अब अगर पुलिस केस दर्ज करती है तो कोर्ट में सबूत के अभाव में पुलिस टिक नहीं पाएगी और पटना पुलिस की जमकर किरकिरी हो जाएगी.
क्या था मामला
ये सभी पुलिसकर्मी न्यू बाइपास से लेकर गांधी सेतू तक बालू-गिट्टी सहित अन्य निर्माण सामग्री से लदे ट्रक को रोजाना पार कराते थे. जिसमें हाईटेक तरिके से वसूली की जाती थी. गांधी सेतु पर वसूली का पूरा खेला टेक्नोलॉजी के माध्यम से होता था. वसूली के इस खेल में तीन चेक पोस्ट और एक ट्रैफिक थाने के अधिकारी से लेकर पुलिस वाले शामिल थे. जीरोमाइल चेकपोस्ट ओवरलोडेड ट्रकों के ड्राइवर से पैसे लेकर गांधी सेतु पर जाने की इजाजत देता था. ट्रक के नंबर का फोटो धनुकी मोड़ और गांधी सेतु 45 नंबर चेकपोस्ट पर तैनात पुलिस वालों को भेजा जाता था ताकि वे लोग इसे रोके नहीं और सेतु पार करने दें. यदि कोई ओवरलोडेड ट्रक जीरोमाइल चेक पोस्ट पार कर गया तो उससे धनुकी मोड़ चेकपोस्ट पर पैसे देने पड़ते थे, तब जाकर वह सेतु पार कर पाता था.