सुशील मोदी की नीतीश को सलाह: नरेंद्र मोदी सरकार और भारतीय कंपनियों पर निर्भर मत रहिये, बिहार में विदेश से वैक्सीन मंगवाइये

सुशील मोदी की नीतीश को सलाह: नरेंद्र मोदी सरकार और भारतीय कंपनियों पर निर्भर मत रहिये, बिहार में विदेश से वैक्सीन मंगवाइये

PATNA : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से पहले ही मुंह फूला कर बैठे नीतीश कुमार को उनके पूर्व डिप्टी सीएम से अच्छी सलाह मिल गयी है. बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने आज नीतीश को सलाह दे डाली है- बिहारियों को कोरोना वैक्सीन देने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार औऱ भारतीय वैक्सीन कंपनियों पर निर्भर मत रहिये. विदेशों से वैक्सीन मंगवाने की तैयारी करिये.


सुशील मोदी की सलाह
कोरोना के दौर में ट्वीटर के जरिये लगातार बिहार से लेकर केंद्र सरकार को लगातार अपनी सलाह दे रहे सुशील मोदी ने आज नीतीश कुमार को नयी सलाह दी है. उन्होंने ट्वीट किया है“बिहार सरकार को केंद्र सरकार और स्वदेशी टीके पर निर्भर रहने की बजाय राज्य सरकार को दुनिया के किसी भी देश से कोरोना टीका प्राप्त करने के लिए ग्लोबल टेंडर निकालने पर विचार करना चाहिए.” 


दरअसल सुशील मोदी कह रहे हैं कि 11 करोड़ की आबादी वाले बिहार को 18 से ज्यादा उम्र वालों को वैक्सीन देने के लिए वैक्सीन के करोडो डोज चाहिये होगा. वैक्सीन के इतने डोज की आपूर्ति करना भारत की वैक्सीन कंपनियों के लिए संभव नहीं है. ऐसे में बिहार के लिए रास्ता यही बचता है कि वैक्सीन सप्लाई के लिए ग्लोबल टेंडर निकाले. यानि विदेशों से वैक्सीन मंगवायी जाये.


दूसरे राज्यों ने शुरू कर दी है कोशिश 
सुशील मोदी कह रहे हैं कि देश के कई दूसरे राज्यों ने विदेश से वैक्सीन मंगवाने की कोशिश शुरू कर दी है. आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक, तेलंगाना जैसे कई राज्यों ने कोरोना वैक्सीन के सीधे आयात की सम्भावना पर विचार के लिए उच्चस्तरीय समिति बनायी है. आंध्र प्रदेश के मुख्यमन्त्री जगन मोहन ने तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से ग्लोबल टेंडर निकालने के मुद्दे पर अनुरोध भी कर दिया है. 


बिहार में पैसे की कमी नहीं हो देर क्यों
सुशील मोदी कह रहे हैं कि बिहार में कोरोना वैक्सीनेशन के लिए पैसे की कमी नहीं है. बिहार सरकार कोरोना वैक्सीन और टीकाकरण के लिए 4,165 करोड़ रुपये खर्च करने की सैद्धांतिक सहमति दे चुकी है. इसमें से 1000 करोड़ तत्काल आवंटित भी किया जा चुका है. जब पैसे कोई कमी नहीं है. उधर भारत की वैक्सीन कंपनियां रातों रात उत्पादन बढ़ा कर वैक्सीन की जरूरत समय पर पूरा नहीं कर सकतीं. फिर देर क्यों. तत्काल बिहार सरकार को ग्लोबल टेंडर का विकल्प अपना कर बिहार में वैक्सीन मंगवाना चाहिये.