PATNA: गोपालगंज, बेतिया और समस्तीपुर में जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौतें हुई है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने इस घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया। सुशील मोदी ने कहा कि दोषियों की पहचान कर तुरंत कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। स्पीडी ट्रायल के जरिए मौत के सौदागरों को फांसी की सजा दिलाई जानी चाहिए।
वर्ष 2016 में गोपालगंज के खजूरबन्नी में जहरीली शराब से 19 लोगों की मृत्यु के बाद दोषी पाए गए नौ को फांसी और चार महिलाओं को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। इन सभी मामलों में भी स्पीडी ट्रायल चलाकर सभी दोषियों को फांसी की सजा दिलाने की पहल करनी चाहिए। सुशील मोदी ने कहा कि ऐसी घटना में मृतक के परिवार का कोई दोष नहीं होता। इसलिए सरकार ने उस समय हर आश्रित परिवार को चार-चार लाख रुपये का मुआवजा दिया था।
इस बार भी सरकार को पीड़ित आश्रितों को चार-चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का विचार करना चाहिए। इस घटना में परिवारों का कोई दोष नहीं है दोष पीने और बेचने वालों का है। जिन राज्यों में शराबबंदी नहीं है वहां भी लोग जहरीली शराब पीने से मरते है। पिछले दिनों देश के अनेक राज्यों में जहरीली शराब से कई लोगों की मौत हुई है।
इसलिए यदि जहरीली शराब से मौत हुई है तो इसका अर्थ यह नहीं है कि बिहार के अंदर शराबबंदी को हटा दिया जाए। बीजेपी पूरी तरह संपूर्ण शराबबंदी के पक्ष में है। शराबबंदी को और कड़ाई से लागू करने के लिए जो भी प्रयास करने की आवश्यकता है वह किया जाना चाहिए।
सुशील मोदी ने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री रहते नरेंद्र मोदी ने मद्य निषेध को लागू रखा था। बिहार में भी उसी तर्ज पर महिलाओं की मांग पर नीतीश कुमार ने शराबबंदी को लागू किया। सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद घरेलू हिंसा में कमी आयी है।
स्कूल-कॉलेज जाने वाली लड़कियों पर भद्दी छींटाकशी की घटनायें कम हुई है। ऐसे में राज्य सरकार को शराबबंदी के अपने फैसले पर दृढता से कायम रहना चाहिये। सुशील मोदी ने जहीरीली शराब पीकर मरने वालों के परिजनों को 4-4 लाख रूपये मुआवजा देने की भी मांग की है।