MUMBAI: सुशांत सिंह राजपूत केस की जांच करने के लिए मुंबई पहुंचे पटना सेंट्रल एसपी विनय तिवारी को जबरन क्वॉरेंटाइन करने का मामला तूल पकड़ा तो बीएमसी ने सफाई देने लगी. बीएमसी ने कहा कि उसने केंद्र सरकार के गाइड लाइन का पालन किया है.
बीएमसी ने सफाई में कहा है कि उन्होंने सिर्फ केंद्र सरकार की गाइडलाइन्स का पालन किया है. क्योंकि उन्हें सात दिन से अधिक वक्त तक मुंबई में रुकना है, इसलिए ऐसा किया गया है. विनय तिवारी सुशांत सिंह राजपूत केस की जांच करने के लिए कल मुंबई पहुंचे हैं, लेकिन उनको क्वॉरेंटाइन के नाम पर जांच से रोका जा रहा है.
14 दिनों के लिए क्या क्वॉरेंटाइन
महाराष्ट्र सरकार ने रविवार की देर रात पटना के सिटी एसपी विनय तिवारी को जबरन होम क्वॉरेंटाइन कर दिया. सुशांत सिंह राजपूत के कथित आत्महत्या की जांच के लिए भेजे गये पटना से सिटी एसपी को 14 दिनों के लिए होम क्वॉरेंटाइन कर दिया गया है. अब वे 14 दिनों तक घर से बाहर नहीं निकल सकते.
डीजीपी ने ट्वीट कर दी जानकारी
बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने देर रात इस मामले पर ट्वीट किया है. उन्होंने सिटी एसपी के हाथ पर लगे होम क्वॉरेंटाइन की मुहर की तस्वीर और वीडियो भी ट्वीट किया है. गुप्तेश्वर पांडेय ने ट्वीटर पर लिखा है “IPS अधिकारी विनय तिवारी अपने ऑफिशियल ड्यूटी पर पटना से मुंबई पहुंचे थे. उन्हें अपनी टीम का लीड करना था. लेकिन उन्हें रात के 11 बजे जबरन क्वॉरेंटाइन कर दिया गया है. उन्होंने मुंबई के आईपीएस मेस में रहने के लिए आग्रह किया था लेकिन जगह नहीं दी गयी. वे गोरेगांव के एक गेस्ट हाउस में रह रहे थे. अब वे वहां से बाहर नहीं निकल सकते.”