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1st Bihar Published by: Updated Mon, 26 Sep 2022 08:47:50 PM IST
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JAMUI: बिहार में जरूरतमंद आम लोगों को चरित्र प्रमाण पत्र यानि कैरेक्टर सर्टिफिकेट जारी करने में पसीने छुड़वाने पुलिस ने जेडीयू के एक दागी नेता को उत्तम चरित्र का प्रमाण पत्र दे दिया. पुलिस के कैरेक्टर सर्टिफिकेट के आधार पर जेडीयू का नेता नगर निकाय चुनाव में नगर परिषद अध्यक्ष का उम्मीदवार बन गया. जेडीयू के नेता के खिलाफ 2021 से ही मामला दर्ज था, पुलिस की जांच में मामला सही पाया गया था. लेकिन उसी पुलिस ने कैरेक्टर सर्टिफिकेट जारी कर दिया. बाद में जब पुलिस की भद्द पिटी तो आरोपी जेडीयू नेता को गिरफ्तार कर लिया गया है।
जमुई नगर परिषद अध्यक्ष के लिए चुनाव लड रहे जिला जदयू के वरीय उपाध्यक्ष रविंद्र मंडल को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक रविंद्र मंडल के खिलाफ 5 जनवरी 2021 को ही केस दर्ज हुआ था. खनन निरीक्षक द्वारा दर्ज कराये केस में रविंद्र मंडल पर नदी से बालू के अवैध खनन का आरोप लगा था. 21 महीने पहले केस दर्ज होने के बावजूद रविंद्र मंडल पुलिस से कैरेक्टर सर्टिफिकेट हासिल कर नगर परिषद चुनाव में जीत हासिल करने की सेटिंग करने में लगे थे. रविवार की देर रात पुलिस हरकत में आयी और रविंद्र मंडल को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद जमुई का सियासी तापमान बढ़ गया है।
आरोपी के घर में चलता है जेडीयू कार्यालय
बता दें कि रविंद्र मंडल को जमुई में जेडीयू के सबसे कद्दावर नेताओं में से एक माना जाता है. रविंद्र मंडल का जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा सहित पार्टी के तमाम बड़े नेताओं से बेहद नजदीकी संबंध हैं. उपेंद्र कुशवाहा जब भी जमुई दौरे पर पहुंचते हैं तो उनका भोजन रविंद्र मंडल के घर पर ही होता रहा है. रविंद्र मंडल के घर में ही जदयू कार्यालय चलता है।
उठ रहे सवाल
बता दें कि बिहार में नगर निकाय चुनाव के उम्मीदवारों के लिए नामंकन पत्र भरते समय कैरेक्टर सर्टिफिकेट देना जरूरी कर दिया गया है. 15 दिन पहले ही जमुई पुलिस ने रविंद्र मंडल को कैरेक्टर सर्टिफिकेट दिया था. पुलिस ने उनके उत्तम चरित्र का सत्यापन कर सर्टिफिकेट जारी किया था कि उनके खिलाफ किसी थाने में कोई मामला दर्ज नहीं है. पुलिस के उसी कैरेक्टर सर्टिफिकेट के आधार पर रविंद्र मंडल ने नगर परिषद के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन किया था. हद ये कि पुलिस ने जिस व्यक्ति का चरित्र सत्यापन कर चरित्र प्रमाण पत्र जारी किया उसे ही 15 दिनों बाद 21 महीने पुराने मामले में गिरफ्तार कर लिया।
सवाल ये उठ रहा है कि जिला जदयू के वरीय उपाध्यक्ष रविंद्र मंडल के खिलाफ अगर कोर्ट ने वारंट जारी कर रखा था तो पुलिस ने कैसे कैरेक्टर सर्टिफिकेट जारी किया. जब रविंद्र मंडल नामांकन करने पहुंचे तो पुलिस क्या कर रही थी? जाहिर है पुलिस ने बगैर छानबीन किये रविंद्र मंडल का रूतबा देख कर सर्टिफिकेट जारी किया था. जबकि जमुई में ही आम लोगों को कैरेक्टर सर्टिफिकेट लेने में पसीने छूट जाते हैं।
इस मामले पर पूछे जाने पर जमुई के एसडीपीओ डॉ राकेश कुमार ने मीडिया को बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है. एसडीपीओ ने बताया कि अवैध खनन के मामले में पुलिस के वरीय पदाधिकारी ने अपनी जांच में रविंद्र मंडल के खिलाफ दर्ज केस को सही पाया था. फिर किन परिस्थितियों में चरित्र का सत्यापन किया गया, इसकी जांच की जा रही है।
उधर, आरोपी जेडीयू नेता रविंद्र मंडल ने कहा कि उन्हें मालूम ही नहीं था कि उनके खिलाफ कोई केस दर्ज है. पुलिस ने इसके संबंध में उन्हें कोई सूचना नहीं दी थी. 2021 में जब खनन निरीक्षक ने अवैध खनन का आरोप लगाते हुए उनसे पूछताछ की थी तो उन्होंने उस संबंध में पूरी जानकारी दे दी थी. उन्होंने खनन निरीक्षक को ये बता दिया था कि वे अपने चिमनी भट्ठे के लिए निजी जमीन से मिट्टी निकाल रहे थे. उसके बाद कोई केस दर्ज किया गया, इसकी जानकारी नहीं दी गयी थी।