शुरू हो गया कोरोना लूट का सिलसिला, जमुई में खाली पडे क्वारंटीन सेंटर के नाम पर बना लाखों का बिल

शुरू हो गया कोरोना लूट का सिलसिला, जमुई में खाली पडे क्वारंटीन सेंटर के नाम पर बना लाखों का बिल

PATNA: बिहार में कोरोना के नाम पर लूट का सिलसिला शुरू हो गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हर रोज निगरानी का दावा कर रहे हैं लेकिन कोरोना लूट के मामले उजागर होने शुरू हो गये हैं. जमुई में खाली पड़े क्वारंटीन सेंटर के नाम पर लाखों की लूट का मामला सामने आ गया है. अब डीएम कह रहे हैं कि मामले की जांच करायेंगे.


एक भी प्रवासी नहीं आया, लाखों का बिल बना

मामला जमुई जिले के गिद्धौर के कोल्हुआ पंचायत के उच्च विद्यालय धोबघट में संचालित क्वारंटाइन सेंटर का है. सरकार ने इस क्वारंटीन सेंटर पर प्रवासी मजदूरों को रखने की व्यवस्था की थी. अभी तक इस सेंटर पर एक भी प्रवासी मजदूर को नहीं रखा गया. लेकिन सरकारी अमले ने 20 लोगों को 14 दिनों तक क्वारंटीन रख कर उन्हें मुक्त करने की रिपोर्ट दाखिल कर दी है. जाहिर तौर पर 20 लोगों के खाने-पीने से लेकर उनकी विदाई के नाम पर लाखों रूपये का वारा न्यारा कर दिया गया.


स्कूल के प्रिंसिपल के पत्र से खुला मामला

जमुई में कोरोना के नाम पर हेराफेरी का ये मामला क्वारंटाइन सेंटर बनाये गये उच्च विद्यालय धोबघट के प्रधानाध्यापक कामता प्रसाद के पत्र से खुला है. प्रधानाध्यपर ने घोटाले की जानकारी अंचलाधिकारी को देते हुए जांच कर कार्रवाई को कहा है. प्रधानाध्यापक ने अपने पत्र में लिखा है

“आज तक इस क्वारंटीन सेंटर पर एक भी प्रवासी का आगमन नहीं हुआ है. इसके बावजूद प्रखंड क्वारंटाइन सेंटर से संबंधित दैनिक प्रतिवेदन में उच्च विद्यालय धोबघट सेंटर के नाम पर 20 प्रवासी को पंजीकृत दिखाया गया. सकरारी प्रतिवेदन में कहा गया है कि 28 मई को सभी पंजीकृत प्रवासी अवधि पूर्ण कर कैंप से घर चले गये, जबकि इस विद्यालय में आज तक एक भी प्रवासी नहीं ठहरा है.”

जाहिर है कि प्रधानाध्यापक के इस पत्र ने कोरोना के नाम पर घोटाले को उजागर कर दिया है. मीडिया ने इस मामले पर अंचलाधिकारी अखिलेश कुमार सिन्हा से बात की लेकिन उन्होंने कुछ भी बोलने से मना कर दिया. सीओ ने कहा कि ऐसा कोई मामला नहीं है.


सरकार के दावों की धज्जिया उड़ी

पटना में बैठे मुख्यमंत्री और उनके सिपाहसलार ये दावा कर रहे हैं कि कोरोना राहत में भारी पारदर्शिता बरती जा रही है. सरकार बार-बार कह रही है कि इस दफे प्रवासियों को राहत देने के लिए तमाम जानकारी ली जा रही है. तय फार्मेट में क्वारंटीन सेंटर में ठहराए जाने वाले प्रवासियों की तस्वीर के साथ साथ उनका नाम, आधार नंबर, मोबाइल नंबर, पता सारी चीजों को भरना है और फिर उसे वेबसाइट पर अपलोड भी करना है. सरकार की इस व्यवस्था के बावजूद अगर लूट के मामले सामने आने शुरू हो गये हैं तो साफ है कि सिस्टम में छेद है.


डीएम बोले-जांच होगी

जमुई के डीएम धर्मेंद्र सिंह ने मामले की जांच के आदेश दिये हैं. डीएम ने कहा कि जिले के आपदा प्रभारी को इसकी जांच करने को कहा गया है. उन्हें जल्द ही रिपोर्ट देने को भी कहा गया है. जांच में भी दोषी पाये जायेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.