DELHI : कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण देश में आर्थिक मंदी धीरे-धीरे बढ़ रही है। लॉकडाउन के कारण कंपनियां बंद पड़ी हैं और ऐसे में कई कंपनियां अपने एंप्लाइज को पूरा वेतन भी नहीं दे पा रहीं। एंप्लाइज को पूरा वेतन नहीं देने वाली कंपनियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है।
दरअसल लॉकडाउन में कर्मचारियों को पूरा वेतन नहीं देने वाली कंपनियों के खिलाफ कई राज्य सरकारों ने एक्शन लेने का फैसला किया था। राज्य सरकारों के इस रूख के बाद पंजाब की 52 कंपनियों के संघ हैंड टूल्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिया है उसमें स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि सरकार फिलहाल वेतन नहीं देने के मामले में निजी कंपनियों पर कार्रवाई नहीं कर सकती। याचिकाकर्ताओं ने गृह मंत्रालय के 29 मार्च के उस सर्कुलर को चुनौती दी थी जिसमें कर्मचारियों को वेतन देने की बात कही गई है।
याचिकाकर्ताओं की तरफ से सीनियर एडवोकेट जमशेद कामा ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान बेंच को यह बताया कि कंपनियों में काम ठप है और ऐसी स्थिति में कर्मचारियों को वेतन दे पाना संभव नहीं है। कर्मचारियों की शिकायत पर राज्य सरकार है कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही हैं जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल कंपनियों पर एक्शन लेने पर रोक लगा दी है। इस मामले में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा है कि वह केंद्र सरकार से इस मामले में दिशा निर्देश के बाद आगे कुछ कह पाने की स्थिति में होंगे। सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट से जवाब देने के लिए मोहलत मांगी है इस मामले में कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया है कि राज्य सरकारें फिलहाल वेतन नहीं देने वाले निजी कंपनियों पर कोई एक्शन नहीं लेगी।