सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल कहीं बन ना जाये आपके अकेलेपन का कारण

सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल कहीं बन ना जाये आपके अकेलेपन का कारण

Desk: सोशल मीडिया का यूज आज कल धड़ले से हो रहा है। ऐसा कोई नहीं होगा जिसे सोशल मीडिया के बारे में ना पता हो.  अपने दोस्तों और जानने वालों के संपर्क में रहने के लिए ये एक अच्छा प्लेटफार्म है.  इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता की ऐसे बहुत से लोग हैं जो इस माध्यम का इस्तेमाल कर के मशहूर हुए है. सोशल मीडिया से जुड़े होने के कई फायदे है जैसे कि सूचनाएं प्रदान करना, मनोरंजन करना और शिक्षित करना. इस माध्यम के जितने फायदे है उतना ही नुकसान भी है.  लोग, घंटों अपने जरूरी काम छोड़कर फेसबुक, व्हाट्सअप, यूट्यूब, ट्विटर, लिंक्ड इन, व्हाट्सअप, टम्बलर, माय स्पेस जैसे प्लेटफोर्म पर लगे रहते है। हर कोई इसका उपयोग कर रहा हैं। सीधे तौर पर कहा जाए, तो हमारी जिंदगी में सोशल मीडिया का बढ़ता दखल हमारी हेल्थ के लिए ठीक नहीं है। यह हमारे मेन्टल हेल्थ को भी  बुरी तरह प्रभावित करता है.  आइये जाने इसके बुरे प्रभाव और उससे बचने के तरीके  :-

सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल करने वाले लोग अक्सर अकेलेपन का शिकार होते हैं. वो अपने दिन का सबसे ज्यादा वक्त सोशल मीडिया पर बिता देते है, जिसके कारण वो वास्तविक दुनिया यानि परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों से कटने लगते हैं. धीरे-धीरे उनकी दुनिया ही सोशल मीडिया तक सीमित हो जाती है. ऐसा लंबे समय तक चलता रहा तो इंसान अकेला महसूस करने लगता है.

सोशल मिडिया पर लोगों द्वारा शेयर की गयी तस्वीरों को देख कर हम अपने जीवन की तुलना उनसे करने लगते है. उनकी मौजमस्ती या घूमने-फिरने वाली तस्वीरों को देख कर हम परेशान हो जाते है की हमारे जीवन उन के जैसा क्यों नहीं है. जब हम कुछ शेयर करते है तो बेसब्री से लोगों के  लाइक्स का इंतजार करने लगते है . 

2016 में डिप्रेशन एंड एंग्जायटी जर्नल में प्रकाशित हुई एक स्टडी के अनुसार सोशल मीडिया को बार-बार चेक करने की आदत व्यस्कों में डिप्रेशन को बढ़ा रहा है. घंटों सर्फिंग करने से हमारी सेहत प्रभवित होने लगती है, नींद ना आने की शिकायत लोगों में आम बात है.

कभी-कभी जब हम किसी मुद्दे पर अपने विचार को सोशल मीडिया पर व्यक्त करते है तो उस पर लोग हमे हमारी सोच को लेकर  ट्रोल करने लगते है. जिसके बारे में हम सोच-सोच कर हम परेशान होते रहते है. 

सोशल मीडिया पर खबरें जितनी तेज़ी से फैलती है उतनी ही तेजी से झूठी अफवाह भी फैल जाती है. किसी झूठी तस्वीर, विडियो या खबर को वायरल होने में समय नहीं लगता. इस वजह से कई बार निर्दोष व्यक्ति को चोर, लुटेरा समझकर लोग पीट पीटकर उसकी हत्या तक कर देते है. 

सोशल मीडिया के इन दुष्प्रभाव से बचने के लिए हम अपने आप में इन बदलावों को ला कर बच सकते है.

•    सोशल मीडिया आपको अपने परिवार से दूर कर देता है. इस से बचने के लिए हमें अपने खली समय में अपना टाइम सोशल मीडिया पर बिताने की जगह अपने परिवार के साथ बात करें. 

•    इंटरनेट या सोशल मीडिया पर अपने समय की बर्बादी करने से बचें। एक निस्चित समय से ज्यादा वक्त तक सर्फिंग ना करें.

•    आप कोई नयी हॉबी चुन सकते है। जैसे की संगीत सुनना या सीखना, पेंटिंग, गार्डेनिंग या कोई ऐसा काम जो आप को पसंद हो. ऐसा करने से धीरे धीरे आप सोशल मीडिया से दूरी बनाने में कामयाब हो पाएंगे.

•    अपने व्यस्त जीवन से समय निकल कर अपने परिवार के साथ कहीं घूमने जाएं. जरुरी नहीं है की आप कहीं दूर जाये,  छुट्टी की समस्या हो तो आप घर के आस पास भी कहीं जा सकते है. ट्रैवेलिंग करने से आपका नजरिया बदलता है, आप नए लोगो से मिलते है और कुछ नई जानकारी प्राप्त करते है.

•    जब भी कभी मोबाइल में नोटिफिकेशन मेसेज आता है तो हमारा हाथ मोबाइल की तरफ खुदबखुद बढ़ जाता है. और फिर उस चक्कर में मोबाइल पर अन्य चीजें खोल कर हम देखने लगते है. इसलिए मोबाइल के सेटिंग में जाकर नोटिफिकेशन को औफ कर दें. ऐसा करने से काम के दौरान आपका ध्यान नहीं भटकेगा.