PATNA: बिहार में स्मार्ट मीटर को लेकर लोग परेशान हैं। स्मार्ट मीटर में गड़बड़ी को लेकर लोगों का गुस्सा बढ़ते जा रहा है। इन दिनों इसे लेकर राजनीति भी तेज हो गयी है। स्मार्ट मीटर से लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए आरजेडी ने इस मुद्दे को हाथों-हाथ लपक लिया। आरजेडी ने 1 अक्टूबर से आंदोलन करने की चेतावनी सरकार को दे डाली है। स्मार्ट मीटर को उखाड़ फेंकने की बात आरजेडी ने लोगों से कह दी है।
आरजेडी के आंदोलन करने की चेतावनी को लेकर बिहार सरकार के तरफ से ऊर्जा विभाग के मंत्री विजेन्द्र यादव ने मोर्चा संभालते हुए आरजेडी को जवाब दिया है। ऊर्जा मंत्री विजेन्द्र यादव ने आरजेडी के आरोप को बेतुका बताया। कहा कि आज जो लोग सवाल उठा रहे हैं उनके समय बिजली का उत्पादन कितना होता था यह किसी से छिपी हुई नहीं है? पहले 60 फीसदी से अधिक उत्पादन नहीं होता था। बिहार में 2005 में केवल 17 लाख उपभोक्ता थे। बिहार में अब 2 करोड़ 7 लाख से अधिक कस्टमर हो गये हैं।
2005 में विद्युत का अधिकतम मांग 700 मेगावाट था जो बढ़कर 8000 मेगावाट से अधिक हो गया है। प्रति व्यक्ति ऊर्जा की खपत 2005 में 70 यूनिट थी। अब यह बढ़कर 360 यूनिट हो गई है। ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव ने कहा कि आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह का बिजली बिल कम हुआ है। 17 फीसदी बिजली बिल जगदानंद सिंह का कम हुआ है। राजनैतिक द्वेष को लेकर विपक्ष इस तरह की बातें कर रहे हैं। विजेंद्र यादव ने कहा कि बिजली स्मार्ट मीटर में यदि कोई गड़बड़ी है तो उसकी जांच होगी। स्मार्ट मीटर लगना बंद नहीं होगा। 2025 तक हर घर में स्मार्ट मीटर लग जाएगा। बिहार में लोगों को फ्री बिजली नहीं मिलेगी।
वही स्मार्ट मीटर को लेकर बिहार में गरमायी राजनीति के बीच कांग्रेस भी मैदान में कूद पड़ी है। स्मार्ट मीटर के खिलाफ कांग्रेस ने अभियान को तेज करने का फैसला लिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने कहा कि जब तक स्मार्ट मीटर लगाना बंद नहीं होगा तब तक चरणबद्ध तरीके से आंदोलन होगा। 30 सितंबर से अगले चरण के आंदोलन की शुरुआत होगी। 30 सितंबर को सभी जिलों में स्मार्ट मीटर पर संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया गया है। 2 अक्टूबर से फिर से जन जागरण अभियान चलाया जाएगा। नालंदा जिले से इसकी शुरुआत होगी। 2022 की स्टडी के अनुसार 65 से 70 प्रतिशत आबादी के पास बिहार में स्मार्टफोन की सुविधा नहीं है। ऐसे में स्मार्ट मीटर लगाने का कोई मतलब नहीं है। बिहार जैसे गरीब और पिछले राज्य में स्मार्ट मीटर लगाने की जरूरत नहीं है। बिहार प्रदेश कांग्रेस प्रभारी मोहन प्रकाश ने कहा कि मोदी सरकार में जिस पर भी स्मार्ट शब्द लग गया वह लूट का धंधा बन गया है।