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सिपाही भर्ती पेपर लिक मामले में पूर्व DGP सिंघल पर अब एक्शन में तैयारी, पेंशन पर भी मंडरा रहा खतरा

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 15 Sep 2024 08:39:11 AM IST

सिपाही भर्ती पेपर लिक मामले में पूर्व DGP सिंघल पर अब एक्शन में तैयारी, पेंशन पर भी मंडरा रहा खतरा

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PATNA : सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में केंद्रीय चयन पर्षद के तत्कालीन अध्यक्ष और बिहार के पूर्व डीजीपी एसके सिंघल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। सूबे के पूर्व डीजीपी पर पुलिस विभाग किसी भी समय एक्शन ले सकता है। सबसे बड़ी बात यह है कि अब पूर्व डीजीपी के पेंशन पर भी खतरा मंडरा रहा है। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने गृह विभाग को एक अनुशंसा भेजी है जिसमें पूर्व डीजीपी पर कार्रवाई की मांग की गई है। मामला पेपर लीक से जुड़ा है।


दरअसल, सिपाही पेपर लीक मामले में पूर्व डीजीपी एसके सिंघल की संलिप्तता सामने आने के बाद आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने गृह विभाग को पूर्व डीजीपी पर कार्रवाई की अनुशंसा भेजी है। गृह विभाग के साथ ही पुलिस मुख्यालय के स्तर पर ईओयू की रिपोर्ट का अध्ययन प्रारंभ कर दिया गया है। ऐसे में नियम यह कहता है कि सरकारी प्रविधान है कि यदि किसी सेवानिवृत्त पदाधिकारी के खिलाफ साक्ष्य मिलने की स्थिति में विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा प्राप्त हो और उस पर कार्रवाई प्रारंभ हो तो वैसी स्थिति में दंड स्वरूप पेंशन जब्ती या कटौती के प्रविधान हैं।


इसके साथ ही अगर संबंधित पदाधिकारी को सेवानिवृत्ति का लाभ नहीं दिया गया है तो वैसी स्थिति में उसे रोकने का प्रविधान भी है। परंतु भारतीय सेवा के अधिकारी होने के नाते कार्रवाई के पूर्व इसकी अनुमति गृह मंत्रालय और केंद्रीय लोक सेवा आयोग से प्राप्त करनी होगी। सिपाही पेपर लीक मामले में सिंघल की संलिप्तता सामने आने के बाद उन्हें केंद्रीय चयन पर्षद से मुक्त कर दिया गया था। हालांकि, बाद में उन्होंने पावर होल्डिंग कंपनी में सुरक्षा सलाहकार पद की जिम्मेदारी जरूरत संभाली। बिजली कंपनी ने पद का सृजन करते हुए संविदा पर उनका नियोजन किया था। 15 सितंबर को उनकी नियुक्ति के छह महीने हो जाएंगे।


आपको बताते चलें कि,राज्य में 1 अक्टूबर 2023 को सिपाही के 21 हजार से अधिक पदों पर बहाली के लिए परीक्षा हुई थी। परीक्षा शुरू होने से ठीक पहले इसका प्रश्न-पत्र वायरल हो गया था। इस पूरे मामले की जांच करने के लिए 31 अक्टूबर 2023 को ईओयू के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लो की अगुवाई में 22 सदस्यीय एसआईटी (विशेष जांच दल) का गठन किया गया था। यह टीम इस मामले से संबंधित कई बातों की जांच कर रही है। इस मामले में कई अब तक कई संवेदनशील जानकारी जांच टीम के हाथ लग चुकी है। ऐसे में अब मामला सामने आया है।