शराबबंदी कानून को लेकर अधिकारियों की कार्यशैली पर हाईकोर्ट नाराज, एक महीने में जब्त गाड़ियों के मामले में निपटारे को कहा

शराबबंदी कानून को लेकर अधिकारियों की कार्यशैली पर हाईकोर्ट नाराज, एक महीने में जब्त गाड़ियों के मामले में निपटारे को कहा

PATNA : सूबे में लागू शराबबंदी कानून को लेकर अधिकारियों की कार्यशैली पर पटना हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है। हाईकोर्ट ने शराबबंदी कानून के तहत जब्त की गई गाड़ियों के मामले को एक महीने के अंदर निपटाने या फिर उन्हें रिलीज करने का निर्देश दिया है। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अगर एक महीने की समय सीमा के भीतर गाड़ियों की जब्ती के मामलों का निपटारा नहीं हुआ तो फिर इन वाहनों को तुरंत रिलीज किया जाए। 

पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल और जस्टिस डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने एक साथ 212 रिट याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि 15 दिनों के अंदर संबंधित जिलों के डीएम इन मामलों की सुनवाई करते हुए 30वें दिन तक उन्हें निष्पादित करें। हाईकोर्ट ने शराबबंदी के मामलों में अफसरों की कार्यशैली पर कड़ी नाराजगी जताई है। 

इन रिट याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने कहा है कि शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद पुलिस किस तरह की चौकसी बरत रही है कि इतने लोगों के घर और गाड़ियों से शराब बरामद हो रही है। हाईकोर्ट की नाराजगी को देखते हुए महाधिवक्ता ललित किशोर ने इस बात का आश्वासन दिया है कि सरकार लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।