शंभू बॉर्डर पर फिर घमासान, 7 जिलों में इंटरनेट बंद; धारा -144 लागू

शंभू बॉर्डर पर फिर घमासान,  7 जिलों में इंटरनेट बंद; धारा -144 लागू

DESK : पंजाब और हरियाणा के किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच की तैयारी कर रहे हैं। किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च को पंजाब और हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर रोक लिया गया है।  किसानों को रोकने और उन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस की ओर से आंसू गैस के दागे गए। सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात हैं। इन सीमाओं पर सीमेंट और लोहे की बैरिकेडिंग भी की गई है। 


वहीं, किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए राजधानी की सभी सीमाएं लगभग सील कर दी गई हैं।इससे दिल्ली-मेरठ समेत कई हाईवे पर भारी जाम लग गया है और ऑफिस आने-जाने वाले लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। हरियाणा के अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा जिलों में 15 फरवरी तक इंटरनेट पर बैन लगाया गया है। 


इसके अलावा 22 में से 15 जिलों में धारा 144 लागू की गई है। शंभू बॉर्डर पर किसानों के 2500 ट्रैक्टर ट्रॉली पहुंचे हुए हैं। इनमें से 800 ट्रॉलियों में खाने का सामान, लकड़ी और पेट्रोल-डीजल लेकर जा रहे हैं। किसान छह महीने तक धरना प्रदर्शन के लिए 'दिल्ली चलो' मार्च की तैयारी बीते दो महीने से कर रहे हैं। शंभू बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इसको देखते हुए सीमा से करीब एक किलोमीटर पहले ही वाहनों को रोक लिया जा रहा है और आगे नहीं जाने दिया जा रहा है। 


उधर, किसान आंदोलन को लेकर राजनीति भी तेज हैं। इस बीच पंजाब सरकार ने एक बार फिर से भाजपा के नेतृत्व वाली हरियाणा एवं केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। पंजाब के मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री मान ने हरियाणा सरकार से भी अपील की कि वह पंजाब के किसानों पर लाठीचार्ज न करें और उन पर आंसू गैस के गोले व पानी की बौछार न करें। मान ने कहा कि आज पुलिस कार्रवाई में कई किसान घायल हुए हैं जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने सभी अस्पतालों से घायल किसानों को बिना देरी मदद और इलाज मुहैया करवाने को कहा।