शहरों के बाद अब गांवों में भी संकेतक लगाने की तैयारी, सड़क हादसों पर होगा नियंत्रण

शहरों के बाद अब गांवों में भी संकेतक लगाने की तैयारी, सड़क हादसों पर होगा नियंत्रण


BIHAR:  बिहार में एक तरफ जहां सड़कों का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर राज्य में सड़क हादसे भी आम हो गए हैं। लेकिन अब दुर्घटना को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। राजधानी पटना के बाद अब राज्य के गांवों की सड़कों पर भी स्पीड इंटरसेप्टर लगाए जाएंगे। ग्रामीण कार्य विभाग ने गांवों की नई और पुरानी सभी सड़कों पर संकेतक लगाने का निर्देश दिया है। लापरवाही बरतने वाले 


दरअसल, रोड एक्सीडेंट का सबसे बड़ा कारण तेज रफ्तार है। सिर्फ शहरों में ही नहीं, बल्कि गांव में भी लोग ओवर स्पीड गाड़ी चलाते हैं। लेकिन अब बिहार के एक लाख किलोमीटर से ज्यादा ग्रामीण सड़कों पर सड़क सुरक्षा बोर्ड लगाए जाएंगे। गावों में संभावित सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए इंजीनियर विभाग के आदेश का अनुपालन करेंगे।


इससे पहले केवल शहरों में संकेतक लगाए जाने की तैयारी थी, जिसकी शुरुआत राजधानी पटना से होने वाली  है। पिछले दिनों विश्व बैंक की टीम ने राज्य की सड़कों का निरीक्षण किया था। इस दौरान गांव की सड़कों पर सड़क सुरक्षा से जुड़ी कई कमियां पाई गईं। इसके बाद विभाग ने विश्व बैंक के मदद से बनने वाली सड़कों पर नियमों का पालन करने का निर्देश दिया था। साथ ही राज्य या केंद्र सरकार के फंड से बनी गांवों की सड़कों पर भी स्पीड इंटरसेप्टर लगाने को कहा था।


आपको बता दें कि सड़कों पर संकेतक लगाने को लेकर अधिकारियों ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। जल्द ही गांवों की नई-पुरानी सभी सड़कों पर सुरक्षा संकेतक लगा दिए जाएंगे। साथ ही लापरवाही बरतने वाले इंजीनियरों पर भी गाज गिर सकती है।