स्कॉच शराब के लिए मशहूर स्कॉटलेंट क्यों गये नीतीश? क्या दारू की फैक्ट्री का इंवेस्टमेंट बिहार में करवायेंगे?

स्कॉच शराब के लिए मशहूर स्कॉटलेंट क्यों गये नीतीश? क्या दारू की फैक्ट्री का इंवेस्टमेंट बिहार में करवायेंगे?

PATNA: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज स्कॉटलैंड के दौरे पर रवाना हो गये. दिल्ली से आज नीतीश कुमार ने उड़ान भरी. सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार वहां जाकर बिहार में निवेश कराने की कोशिश करेंगे. लेकिन सवाल ये उठ रहा है कि नीतीश कुमार स्कॉटलैंड से कौन सा निवेश बिहार लेकर आयेंगे. 


बता दें कि स्कॉलैंड यूरोप महाद्वीप का एक छोटा देश है, जो यूनाइटेड किंगडम के अधीन आता है. स्कॉटलैंड में बनी शराब को ही स्कॉच कहा जाता है जो विदेशी शराब में सबसे उत्कृष्ट किस्म का शराब माना जाता है. स्कॉटलैंड अपने स्कॉच के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है.


प्रशांत किशोर ने पूछा सवाल

चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बनने निकले प्रशांत किशोर ने आज नीतीश कुमार की स्कॉटलैंड यात्रा पर सवाल उठाये. प्रशांत किशोर ने मीडिया से बात करते हुए कहा- आपके और हमारे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में इन्वेस्टमेंट लाने के लिए स्कॉटलैंड गये हैं. स्कॉटलैंड में तो एक ही इंडस्ट्री है? स्कॉच व्हिस्की का नाम आपलोगों ने सुना होगा. जिस राज्य के मुख्यमंत्री शराबबंदी की बात कर रहे हैं, वे दुनिया में वहां गए हैं, जहां स्कॉच बनता है, जो स्कॉच के लिए फेमस है. 


प्रशांत किशोर ने कहा कि स्कॉटलैंड अपनी शराब के अलावा दो और चीजों के लिए फेमस है. वहां अच्छे मेडिकल कॉलेज हैं और वहां का ऊन काफी बढ़िया होता है. ऐसे देश में नीतीश कौन सा निवेश लाने गये हैं. क्या  स्कॉटलैंड के मेडिकल कॉलेज वाले बिहार में आकर मेडिकल कॉलेज खोलेंगे. वहां का ऊन भी बिहार नहीं आ सकता क्योंकि यहां इतनी ठंढ़ पड़ती नहीं कि स्कॉटलैंड के ऊन से बने कपड़े पहनना पड़े. 


शराब यहां बिकती नहीं है और मेडिकल कॉलेज कोई वहां से बिहार आने वाला है नहीं. नीतीश कुमार को बताना चाहिये कि 18 साल के बाद आपको पूरे दुनिया में स्कॉटलैंड मिला है इन्वेस्टमेंट लाने के लिए. कोई नीतीश कुमार से पूछे कि आप शराबबंदी कर बिहार के लोगों का 20 हजार करोड़ रूपया साल का बर्बाद कर रहे हैं और इन्वेस्टमेंट के लिए स्कॉच बनाने वाले देश में गए हैं. 


प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार की राजनीति को मैं इतना ही देखता हूं कि यह उनके राजनीतिक जीवन का अंतिम दौर चल रहा है. उनको जितना हाथ पांव मारना है मार लें, कुछ महीने की राजनीति बची हुई है। जदयू ऐज ए पार्टी का कोई भविष्य नहीं बचा है. बिहार में जदयू का अस्तित्व अब खत्म होता जा रहा है.