PATNA : अनसूचित जाती और अनुसूचित जनजाति आरक्षण को लेकर बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बड़ा दावा किया है. ए.एन.सिन्हा इन्स्टीच्यूट में ‘अम्बेदकर के लोग’ की ओर से आयोजित बाबा साहेब भीम राव अम्बेदकर की 64 वीं पुण्यतिथि समारोह को संबोधित करते हुए सुशिल मोदी ने कहा कि "जब तक समाज में भेदभाव और छुआछूत आदि रहेगा तब तक लोकसभा, विधानसभा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था जारी रहनी चाहिए."
राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम ने केंद्र सरकार की प्रशंसा करते हुए आगे कहा कि एसटी/एससी के आरक्षण को 2030 तक बढ़ाने पर नरेंद्र मोदी की सरकार को धन्यवाद. उन्होंने कहा कि यह आरक्षण महात्मा गांधी और अम्बेदकर की देन हैं. बिहार विधानसभा में 38 सीटें आरक्षित है, जहां एससी,एसटी के लोग जीत कर आते हैं. मगर विधान परिषद और राज्यसभा में आरक्षण की व्यवस्था नहीं रहने से वहां इनकी संख्या नगण्य हैं.
मोदी ने कहा कि भाजपा एसटी, एससी के आरक्षण में क्रीमी लेयर लागू करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विराध में है. केन्द्र की नमो सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील कर उसे लागू करने से इनकार कर दिया है. अत्याचार निवारण अधिनियम की कुछ धाराओं को जब सुप्रीम कोर्ट द्वारा निरस्त किया तो केन्द्र की सरकार ने उसमें 23 अन्य नई धाराएं जोड़ कर उसे और मजबूत किया.
कांग्रेस ने अम्बेदकर की उपेक्षा की मगर 1989 में भाजपा के सहयोग से गठित वी पी सिंह की सरकार में संसद में तैल चित्र लगाने के साथ अम्बेदकर को भारत रत्न से सम्मानित किया गया. नरेंद्र मोदी सरकार अम्बेदकर के पंचतीर्थ को चिन्हित कर वहां भव्य स्मारक बनवा रही हैं, वाजपेयी की सरकार ने संविधान संशोधन कर एससी, एसटी के लिए प्रोमोशन में आरक्षण का प्रावधान किया.
2005 के पहले की पूर्ववर्ती सरकारों ने बिहार में 23 साल तक पंचायत का चुनाव नहीं कराया और जब 2003 में चुनाव कराया तो एकल पदों पर एससी, एसटी को आरक्षण से वंचित कर दिया, मगर एनडीए की सरकार ने उन्हें 17 प्रतिशत आरक्षण दिया.