1st Bihar Published by: Updated Tue, 07 Jul 2020 08:59:03 AM IST
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DESK : सावन का पावन महिना भगवान् शिव को अर्पित है, ये बात तो सभी जानते हैं पर इस महीने का प्रत्येक मंगलवार मां पार्वती को समर्पित को समर्पित होता है. इस दिन लोग मां मंगला गौरी की पूजा करते हैं. माना जाता है कि मां मंगला गौरी की विशेष पूजा अर्चना करने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है, संतान और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. इस दिन व्रत और पूजा करने से जीवन में हर मंगल प्रकार से मंगल होता है. साथ ही अगर आप के कुंडली में मंगल का दोष है तो मंगला गौरी की पूजा करने से विशेष फलदायी होता है.
कैसे करें मंगला गौरी की पूजा
मंगला गौरी की पूजा करने में कुछ बातों का ध्यान रखना जरुरी होता है जैसे की – पूजा में मां को अर्पित की जाने वाली हर सामग्री की संख्या 16 में होनी चाहिए. इस व्रत के दौरान आप दिन में एक वक़्त अन्न ग्रहण कर सकते हैं.
प्रातः काल पूजा स्थान की साफ सफाई करने के बाद पूजा प्रारंभ करें. देवी को अक्षत्, सिंदूर, धूप, गंध आदि चढ़ाएं. मां के समक्ष घी का चौमुखी दीपक जलाएं. लाल रंग का पुष्प मां को 16 की संख्या में अवश्य अर्पित करें. लाल रंग का पुष्प मां को अति प्रिय है. साथी लाल रंग की चुनरी, लौंग, इत्र और सुहाग की 16 सामग्री अर्पित करना न भूलें. अंत में पूजा समाप्ति से पहले भगवान शिव और पार्वती की आरती करें.
इस बात का ध्यान रहे की एक बार यह व्रत प्रारंभ करने के बाद पांच वर्षों तक किया जाता है. इसके बाद विधि-विधान से व्रत का उद्यापन कर देना चाहिए.