PATNA: बिहार विधानसभा में नीतीश सरकार के विश्वास प्रस्ताव पर सदन हो रही चर्चा के दौरान पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने आरजेडी पर बड़ा आरोप लगाया है। जीतन राम मांझी ने दावा किया है कि सरकार ने बिहार के गरीबों को जो तीन डिसमील जमीनें दी हैं, उसका रसीद तो गरीब तबके के लोगों के नाम से कटता है लेकिन उसपर कब्जा आरजेडी के लोगों ने कर रखा है। मांझी ने कहा है कि पूरे बिहार में इसी तरह की सैकड़ों एकड़ जमीन को राष्ट्रीय जनता दल से जुड़े लोगों ने कब्जा कर रखा है।
जीतन राम मांझी ने विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की ओर इशारा करते हुए कहा कि संगती बहुत ही महत्वपूर्ण चीज होती है। गलत लोगों के साथ हम रहेंगे तो जरूर कहीं न कहीं हमारी मानसिकता में भी गड़बड़ी आ जाएगी। जिस तरह से तेजस्वी यादव और उनके साथी लोग हैं और बिहार में 2005 के पहले वाली स्थिति पैदा कर रहे थे, जिसकी चर्चा खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव के सामने कई बार की थी।
जीतन राम मांझी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विश्वास दिलाया था कि वे बिहार में 2005 के पहले वाली स्थिति कभी नहीं आने देंगे और इसलिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद देते हैं कि बिहार में वह स्थिति नहीं आए इसके लिए उन्होंने पाला बदला है और एनडीए के साथ आए हैं। हमे सामवादी विचार के लोगों पर तरस आती है। इन्होंने कभी नहीं कहा कि जमीन का कितना पट्टा दिया गया है और जो लोग सैकड़ों एकड़ जमीन की रशीद कटाकर बैठे हुए हैं, वे जमीनें किसके कब्जे में हैं यह बताने का काम इन लोगो ने नहीं किया।
मांझी ने कहा कि वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहना चाहते हैं कि उन्होंने कई लाख एकड़ जमीन को बांटने का काम किया है। गरीबों को पर्चा मिला है और वे रसीद भी कटा रहे हैं लेकिन उसपर कब्जा गरीबों का नहीं है। मांझी ने सदन में दावा किया कि चाहे तीन डीसमील जमीन का मामला हो या एक एकड़ जमीन का मामला हो सौ में नब्बे फीसदी जमीन आरजेडी के लोगों के कब्जे में है।