PATNA : हाईकोर्ट में आज पटना जलजमाव से तबाही पर हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने आम लोगों पर भी कार्रवाई करने की मांग कर दी. महाधिवक्ता ललित किशोर ने कोर्ट में कहा कि न्यायालय सिर्फ सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों पर ही कार्रवाई न करे बल्कि आम लोगों पर भी वैसी ही कार्रवाई हो.
सरकार ने कोर्ट में आम लोगों पर दोष मढा
पटना जलजमाव पर आज हाईकोर्ट में जनहित याचिका पर सुनवाई हो रही थी. इस दौरान महाधिवक्ता ललित किशोर ने कहा कि पटना के डूबने के लिए सिर्फ सरकारी तंत्र जिम्मेवार नहीं है. इसके लिए आम लोग भी जिम्मेवार है. महाधिवक्ता ने कहा कि उन इलाकों के तमाम निवासियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिये जहां के नाले लोगों की गलती से जाम हो गये. ललित किशोर ने राजेंद्र नगर का उदाहरण देते हुए कहा कि राजेंद्र नगर इलाका आवासीय इलाका था. सरकार ने आवासीय इलाके के मुताबिक ही ड्रेनेज सिस्टम बनाया था लेकिन वहां के आधे से ज्यादा मकानों में व्यवसायिक गतिविधियां हो रही हैं. वहां अस्पताल खुल गये हैं, स्कूल और हॉस्टल चलाये जा रहे हैं. ऐसे में पहले से बने नाले जल निकासी नहीं कर पा रहे हैं. महाधिवक्ता ने कहा कि ऐसे कई और इलाके हैं जहां स्थानीय निवासियों के कारण नाले जाम हुए हैं. उन इलाकों के तमाम लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिये.
महाधिवक्ता ने कहा कि कोर्ट ने उनकी मांग पर सहमति जतायी है. 25 अक्टूबर को अगली सुनवाई के दौरान इस बात पर भी चर्चा होगी. उन्होंने उम्मीद जतायी कि कोर्ट कड़ा फैसला लेगा. महाधिवक्ता ने कोर्ट में दावा किया कि सरकार ने अपने तंत्र को ठीक करने और पटना में हुई तबाही के जिम्मेवार अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए ठोस कदम उठाये हैं. पहले ही कई लोगों पर कार्रवाई हो चुकी है. विकास आयुक्त की अध्यक्षता में बनी टीम दूसरे दोषियों का भी पता लगा रही है. उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जायेगी.
सरकार ने अपना दोष लोगों पर मढ़ा
वैसे, बड़ा सवाल ये है कि अगर पटना के आवासीय इलाके में व्यवसायिक काम किये जा रहे थे तो सरकारी तंत्र क्या कर रहा था. सरकार ने पहले ही उनके खिलाफ क्यों नहीं कार्रवाई की. अगर नालों को जाम किया जा रहा था तो नगर निगम से लेकर दूसरे सरकारी तंत्र क्यों सोये रहे. अब जब सरकार कठघरे में खडी है तो उसे आम लोगों की गलती नजर आ रही है.