PATNA: बिहार सरकार के मंत्री जीवेश मिश्रा की गाड़ी को पटना के डीएम औऱ एसएसपी के काफिले के लिए रोकने के मामले में सरकार ने मंत्री को ही झूठा करार दिया है। विधानसभा अध्यक्ष के पास पहुंचे बिहार के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव औऱ डीजीपी ने एक तरह से मंत्री को ही झूठा करार दिया। दोनों अधिकारियों ने कह दिया कि ऐसा हो ही नहीं सकता कि मंत्री की गाड़ी रोकी जायेगी। फिर भी वे कह रहे हैं तो सीसीटीवी फुटेज की जांच करके देखेंगे।
सरकार ने कहा-हम नहीं मानेंगे कि मंत्री के साथ गलत हुआ
दरअसल मंत्री जीवेश मिश्रा ने आज खुद विधानसभा में ये जानकारी दी थी। इसके बाद सदन में जबरदस्त हंगामा हो गया था। जेडीयू को छोड़कर बाकी सारी पार्टियों के विधायकों ने भारी हंगामा खड़ा कर दिया था। इसके बाद सभी दलों के नेताओं की बैठक हुई औऱ तय हुआ कि बिहार के डीजीपी और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को विधानसभा अध्यक्ष तलब करेंगे। शाम के 6 बजे दोनों पदाधिकारी विधानसभा अध्यक्ष के चेंबर में पहुंचे। वहां से बाहर निकले तो गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने क्या कहा ये भी जान लीजिये।
“ये प्रश्न ही नहीं उठता कि कोई भी पदाधिकारी चाहे वह पुलिस का हो या सिविल का वह किसी भी मंत्री का इज्जत नहीं करेगा. कोई सवाल ही नहीं उठता कि कोई मंत्री को बेईज्जत या इंसल्ट करने का प्रयास करे. अगर कोई समस्या हुई है तो वह सीएम के कारकेड के कारण ट्रैफिक जाम के कारण हुई होगी. लेकिन ये मानने की बात ही नहीं है कि कोई जान कर मंत्री की गाड़ी रोके”
हो गया मामला रफा-दफा
गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव ने एक तरह से मंत्री के आऱोपों को झूठा करार देने के बाद कहा कि फिर भी हम जांच करके देखेंगे. डीजीपी ने कहा कि वे सीसीटीवी फुटेज निकलवा कर देखेंगे. पत्रकारों ने पूछा-कब तक जांच पूरी होगी. डीजीपी बोले-हम देखेंगे, हम करेंगे. सरकार ने कोई टाइम नहीं बताया कि वह कब तक मंत्री के साथ बदसलूकी के गंभीर मामले पर कोई कार्रवाई करेगी. दोनों अधिकारियों का बॉडी लैंग्वेज स्पष्ट बता रहा था कि मामला रफा दफा कर दिया गया है.
उधर मंत्री जीवेश मिश्रा ने अध्यक्ष के पास हुई बैठक से पहले ही मीडिया से कहा था कि वे इस मामले की लीपापोती को बर्दाश्त नहीं करेंगे. सीएम का काफिला गुजरने के बाद पटना के डीएम और एसएसपी विधानसभा पहुंचे थे. विधानसभा में लगे सीसीटीवी कैमरों में इसका फुटेज होगा. प्रशासन का झूठ वे बर्दाश्त नहीं करेंगे. मंत्री ने कहा कि स्वाभिमान से बढ़कर कुछ नहीं हो सकता. वे विधानसभा अध्यक्ष के फैसले का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि अध्यक्ष ही सर्वोपरि हैं. लेकिन अगर अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो वे खुद आगे का फैसला लेंगे.