PATNA : बिहार में भाजपा की सरकार जनवरी महीने में वापस से बन गई है। सरकार बनने के बाद उपमुख्यमंत्री बने सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा ने यह दावा किया कि उनकी सरकार में बड़े पैमाने पर युवाओं को रोजगार दिया जाएगा। ऐसे में सरकार बनने के बाद संविदा पर ही सही लेकिन बहाली शुरू तो जरूर हुई लेकिन इसमें भाजपा के कोर वोटर माने जाने वाले सवर्णों की बड़े पैमाने पर अनदेखी हुई है।
दरअसल, बिहार सरकार और स्वास्थ्य विभाग के तरफ से 4500 पदों पर बहाली निकाली गई है। यह बहाली कम्युनिटी हेल्थ अफसरों के पद पर निकाला गया है। लेकिन, सबसे बड़ी बात यह है कि इस बहाली में जनरल के विद्यार्थियों के लिए पद नहीं रखे गए हैं। इसके बाद जनरल अभ्यर्थियों ने पूरे बिहार में सरकार के खिलाफ विरोध जाताना शुरू कर दिया है।
किस वर्ग के लिए कितनी सीटें?
बिहार स्वास्थ्य समिति ने कम्युनिटी हेल्थ अफसरों के जिन पदों के लिए आवेदन मांगे हैं, उनमें अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए 1345, अत्यंत पिछड़ा वर्ग महिला के लिए 331, पिछड़ा वर्ग के लिए 702, पिछड़ा वर्ग महिला के लिए 259, अनुसूचित जाति के लिए 1279, अनुसूचित जाति महिला के लिए 230 और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 223 पद रखे हैं।
वहीं, इस बहाली में सामान्य श्रेणी के लिए कोई पद नहीं है। विवाद इसी को लेकर है और सामान्य श्रेणी के लिए पद की मांग करते हुए अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया और एक्स और तमाम सोशल मिडिया प्लेटफार्म पर पोस्ट कर अपनी मांग उठाई है। उनका कहना है कि भाजपा सवर्णों को अपना एक तरफा मतदाता समझ रही है, उसे लग रहा है कि इस वर्ग को नाराज करने से भी कोई नुकसान नहीं होगा। लेकिन, उस तरह अनदेखी की जाती रही तो फिर इस बहार के चुनाव में भाजपा को माकूल जवाब मिलेगा और इसका रिजल्ट काफी खराब आने वाला होगा भाजपा के लिए।