PATNA : बिहार में एक तरफ नौकरी देने की बात की जा रही है तो दूसरी तरफ सत्ता की कुर्सी मिलते ही सीधे -सीधे शब्दों में कहा जा रहा है कि हमलोग नौकरी नहीं दे सकते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि यह बातें कोई प्रवक्ता या किसी छोटे नेता ने नहीं बल्कि सरकार में शामिल एक मंत्री ने खुले मंच से कहा है। इस बात की बानगी स्वास्थ्य विभाग के तरफ से निकाले गए एक एक बहाली में भी देखने को मिली है,जहां सवर्ण समुदाय के लिए एक भी सीट नहीं दिया गया था।
दरअसल, केंद्र सरकार के एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुचें नीतीश कैबिनेट के मंत्री और एनडीए नेता विजेंद्र यादव ने आज खुले मंच से कहा कि - दुनिया की कोई ताकत 100 % सरकारी नौकरी नहीं दे सकती है। यदि कोई ऐसा कहता है की हम हर किसी को नौकरी दे देंगे तो यह झूठ हैं और झूठी कल्पना है। सरकार को जितनी जरूरत होती है उतने ही पद पर बहाली निकाली जाति है। ऐसे में हर किसी को सरकारी नौकरी नहीं दे सकती है।
इसके आगे उन्होंने यह जरूर कहा कि- सरकारी नौकरी तो नहीं दी जा सकती है ;लेकिन रोजगार जरूर दिया जा सकता है। इसमें किसी को भी कोई समस्या नहीं है। इसलिए यदि कोई कहता है की हम पूरी तरह से सरकारी नौकरी देंगे तो यह बातें झूठ है। हां, रोजगार देने की बात यदि कोई कहता है तो इसमें सच बात हो सकता है। इसलिए हर काम के लिए खुद को तैयार होना चाहिए।
मालूम हो कि, इससे पहले ही राज्य सरकार के तरफ से स्वास्थ्य विभाग में निकली गई बहाली को लेकर सवर्ण समाज के स्टूडेंट में काफी नाराजगी है क्योंकि इस बहाली में बिना आरक्षण वाले सवर्णों के लिए एक भी सीट नहीं दिया गया है। जबकि बाकि के सभी वर्ग के लिए अलग -अलग पदों की संख्या बताई गई है। ऐसे में सवर्ण समुदाय के वैसे लोग जो आरक्षण के दायरे में नहीं आते हैं उनमें नाराजगी है। उसके बाद अब उर्जा मंत्री ने साफ़ कह दिया है कि हर किसी को सरकारी नौकरी नहीं दी जा सकती है।
मालूम हो कि, इस सरकार में बनने को गिरने की पूरी कहानी नौकरी से ही जुड़ी हुई है इस बात की भी चर्चा की जाती है। सियासी महकमे में इस बात की चर्चा होती है कि नीतीश कुमार तेजस्वी से इस वजह से नाराज हुए क्योंकि तेजस्वी नौकरी देने का क्रेडिट खुद और खुद की पार्टी को दे रहे थे और नीतीश कुमार का नाम भी नहीं ले रहे थे। जिसके बाद नीतीश को असहज महसूस हुआ और उन्होंने गठबंधन तोड़ दिया।
उधर, तेजस्वी यादव अपने किसी काम को लेकर लोगों के बीच जकार एकजूट करने में लगे हुए हैं। तेजस्वी युवाओं के पास जाकर कह रहे हैं कि उन्हें रोजगार देने का काम किया है, नौकारी देने का काम किया है। ऐसे में वापस से सत्ता में आते हैं तो इसी मुद्दे पर काम करेंगे। दूसरी तरफ सत्ता बदलते ही सरकार में शामिल मंत्री के सूर भी बदलने लगे हैं और अब खुले मंच से कह रहे हैं कि- हम नौकरी नहीं दे सकते हैं।