सारण : सारण जिले में पिछले साल हुई मैट्रिक परीक्षा में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ है. मिली जानकारी के मुताबिक कोरोना काल में हुई मैट्रिक परीक्षा में फर्जी तरीके से फार्म भराकर विद्यार्थियों को परीक्षा दिला दी गई है. आपको बता दें कि पिछले साल 60 हजार छात्र-छात्राओं ने मैट्रिक परीक्षा दी थी. जिले के 50 स्कूलों में फर्जी तरीके से छात्रों को पंजीयन व फार्म भरा कर परीक्षा दिलाया गया है. यह मामला बिहार बोर्ड ने अब पकड़ा है.इसके लिए जांच बैठा दी गई है.
बताया जा रहा है कि इसमें 50 स्कूलों ने मिलकर 150 से अधिक छात्र-छात्राओं के साथ यह फर्जीवाड़ा किया है. जांच के दौरान यह बढ़ भी सकती है. इन परीक्षार्थियों का रजिस्ट्रेशन व फार्म संदेहास्पद है. अब कैंप लगाकर उन सभी छात्र-छात्राओं के नाम, एड्रेस,पंजीयन और फाॅर्म से मिलान किया जाएगा. मिली जानकारी के मुताबिक सारण जिला शिक्षा पदाधिकारी अजय कुमार सिंह ने ज़िले के उन सभी विद्यालयों को कड़े पत्र लिखते हुए 26 नवम्बर को सभी साक्ष्यो के साथ विद्यालय प्रधान को छपरा के जिला स्कूल में बुलाया है.
पत्र में यह निर्देश दिया गया है कि सभी प्रधान वर्ष 2019 से 2021 तक के नामांकन पंजी,रजिस्ट्रेशन पंजी,फी रशीद,माता पिता के नाम के साथ फॉर्म भरे गए प्रपत्र और पंजीयन प्रपत्र,के साथ अन्य कागजात के साथ उपस्थित रहेंगे. वहीं डीईओ के आदेश के बाद प्रधानाध्यापकों की नींद उड़ गयी है.