शराब पर हो रही फजीहत में BJP को भी फंसाना चाह रही JDU: नीतीश की पार्टी के नेताओं ने नरेंद्र मोदी को भी विवाद में घसीटा

शराब पर हो रही फजीहत में BJP को भी फंसाना चाह रही JDU: नीतीश की पार्टी के नेताओं ने नरेंद्र मोदी को भी विवाद में घसीटा

PATNA: बिहार में होने वाले हर काम के लिए मुख्यमंत्री को श्रेय देने वाले जेडीयू नेताओं की भाषा नालंदा में जहरीली शराब कांड के बाद बदली हुई है। मुख्यमंत्री के गृह जिले में जहरीली शराब से 11 लोगों की मौत के बाद अब जेडीयू नेता बोल रहे हैं कि बिहार में सरकार अकेले जेडीयू की थोड़े हैं बल्कि बीजेपी की भी है। नीतीश कुमार की फौज के सुर इसलिए बदले हैं क्योंकि बीजेपी ने शराब को लेकर ताबड़तोड़ हमला बोला है। नीतीश फंसते दिख रहे हैं लिहाजा बीजेपी को भी बराबर का जिम्मेवार बताने की हर कोशिश की जा रही है। 


प्रधानमंत्री को बीच में ले आयी जेडीयू

दरअसल जहरीली शराब से मुख्यमंत्री के गृह जिले में 11 लोगों की मौत के बाद बीजेपी ने जेडीयू पर ताबड़तोड़ हमला बोला है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल से लेकर पार्टी के दूसरे नेताओं ने सीधे नीतीश औऱ जेडीयू से तीखे सवाल पूछे हैं. बीजेपी बार बार कह रही है कि शराबबंदी की समीक्षा होनी चाहिये. ये अधिकारियों और पुलिस की कमाई का जरिया बन कर रह गया है. बीजेपी नीतीश का नाम तो नहीं ले रही है लेकिन सवाल बिहार के मुख्यमंत्री को ही कठघरे में खड़ा किया जा रहा है। 


बीजेपी के तीखे हमले के बाद जेडीयू ने शराबबंदी और जहरीली शराब से हो रही मौत की विफलता के लिए भाजपा को भी बराबर का जिम्मेवार करार देने की ताबड़तोड़ कोशिश शुरू की है. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक को बीच में घसीट लाया गया है. जेडीयू के प्रवक्ता अभिषेक झा ने बयान जारी किया-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ तौर पर कहा था कि नीतीश कुमार द्वारा लिया गया शराबबंदी का फैसला साहसिक औऱ सराहनीय है. प्रधानमंत्री ने सभी दलों और संगठनों से इसमें सहयोग करने की अपील की थी. जेडीयू के प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री ने शराबबंदी का समर्थन किया. सरकार में शामिल बीजेपी ने इसका समर्थन किया. एनडीए विधायक दल की बैठक में हाथ उठाकर नीतीश कुमार की मुहिम के प्रति समर्थन जताया. फिर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष शराबबंदी पर सवाल कैसे उठा रहे हैं।


सरकार में तो बीजेपी भी शामिल है

उधर जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी बीजेपी को सरकार की विफलता के लिए बराबर का कसूरवार ठहराने की कोशिश की. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तो शराबबंदी को सफल बनाने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहे हैं. फिर भी अगर संजय जायसवाल को सवाल पूछना है तो सरकार से पूछें. सरकार अकेले जेडीयू की नहीं बल्कि बीजेपी की भी है. कुशवाहा का संकेत साफ था कि अगर सरकार शराब के मामले में विफल है तो इसके लिए अकेले नीतीश कुमार या जेडीयू नहीं बल्कि बीजेपी भी जिम्मेवार है.


शराब पर हकीकत का हुआ अहसास

दरअसल बिहार में बीजेपी के नेताओं को शराब को लेकर जनता में फैले आक्रोश का अंदाजा हो गया है. शराब के मामलों में बेवजह छापेमारी, मामूली आरोप में भी लोगों को जेल भेजे जाने, संपत्ति जब्त किये जाने मामलों के बीच जहरीली शराब से ताबड़तोड़ मौत से लोगों में भारी आक्रोश फैल रहा है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने एक दिन पहले ही जेडीयू नेताओं को सलाह दी थी कि वे शराबबंदी की हकीकत जानने के लिए मीडिया से बाहर निकल कर अपने ही पंचायत में चले जायें. लिहाजा बीजेपी ने इस आक्रोश को नीतीश के मत्थे मढ़ने की कवायद शुरू की है. वहीं, जेडीयू बीजेपी की इस रणनीति के जवाब में उसे भी बराबर का कसूरवार बताने में लग गयी है. दोनों पार्टियों के बीच शह मात का खेल दिलचस्प होता जा रहा है.