सम्राट अशोक विवाद : बीजेपी ने जेडीयू नेताओं को बताया भस्मासुर, अरविन्द सिंह ने कहा.. उनकी बेचैनी कुछ और है

सम्राट अशोक विवाद : बीजेपी ने जेडीयू नेताओं को बताया भस्मासुर, अरविन्द सिंह ने कहा.. उनकी बेचैनी कुछ और है

PATNA : देश के प्रसिद्ध नाटककारों में शुमार किये जाने वाले दया प्रकाश सिन्हा की सम्राट अशोक पर लिखी गयी किताब को लेकर जेडीयू ने पिछले कई दिनों से सियासी तूफान मचा रखा है. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह से लेकर उपेंद्र कुशवाहा जैसे नेता बीजेपी पर ताबडतोड़ हमला बोल रहे हैं. 


जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह एवं उपेन्द्र कुशवाहा ने सम्राट अशोक को औरंगजेब से तुलना करने पर कड़ी आपत्ति जताई थी. जेडीयू नेतृतृव ने नाटककार दया प्रकाश सिन्हा पर कार्रवाई करने एवं पद्मश्री वापस लेने की मांग की थी. इसके बाद बीजेपी ने भी जेडीयू नेताओं पर करारा प्रहार किया है. बहुत लोगों को अलग-अलग किस्म की बेचैनी है. आपको बोलना है तो जनसंख्या नियंत्रण पर बोलिए.


बीजेपी प्रवक्ता अरविन्द सिंह ने उपेन्द्र कुशवाहा पर निशाना साधते हुए कहा है कि बिहार के कुछ नेता भस्मासुरी प्रवृत्ति के हैं. उनका दर्द सम्राट अशोक पर नहीं है. ये कहीं पर निगाहें और कहीं पर निशाना वाली बात है. बीजेपी के लोग खुद उनका विरोध कर रहे हैं. हमारे प्रदेश अध्यक्ष ने दयानंद सिंह पर केस भी दर्ज करवा दिया है. 


अरविन्द सिंह ने कहा कि जेडीयू के लोगों को ज्यादा तकलीफ है तो उनके पास गृह मंत्रालय है. वह जाकर दया प्रकाश सिन्हा को गिरफ्तार कर लें. गिरफ्तार कर नहीं रहे ट्विटर पर सिर्फ लिख रहे हैं. सिर्फ कमेंट करने से नहीं होगा, जाकर गिरफ्तार कीजिए. आपके पास पॉवर है. भारतीय जनता पार्टी के समय उनको अवार्ड मिला था. हमारी सरकार ने सम्राट अशोक पर डाक टिकट जारी किया है.




क्या है मामला


दरअसल, लेखक और साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता दया प्रकाश सिन्हा ने अपने नाटक में सम्राट अशोक को बदसूरत और क्रूर शासक बताया है जिसने भाई की हत्या कर सत्ता हथियाई थी. इतना ही नहीं नाटक में मौर्य शासक की तुलना औरंगजेब से की गई है. और भी कई तरह के आक्षेप लगाए गए हैं. 


उनके इस नाटक के बाद बिहार एनडीए में रार बढ़ गया है. इसकी मुख्य वजह उनके बीजेपी के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ से जुड़े की वजह भी है. जिसकी वजह से जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा लगातार सहयोगी पार्टी से उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.