सकुनी मामा के पुत्र हैं सम्राट चौधरी ! बोले तेजप्रताप यादव...लालू पर नहीं है उनकी कुछ भी बोलने की हैसियत

सकुनी मामा के पुत्र हैं सम्राट चौधरी ! बोले तेजप्रताप यादव...लालू पर नहीं है उनकी कुछ भी बोलने की हैसियत

PATNA : सम्राट चौधरी होता कौन है? सम्राट चौधरी का कोई हैसियत है क्या लालू जी पर कुछ भी बोलने का। उनका हैसियत है कुछ सम्राट चौधरी का। सम्राट चौधरी तो खुद सकुनी मामा के पुत्र हैं जो महाभारत करवाए। इसलिए ये लोग कुछ भी बोलता है तो उसका कोई फर्क नहीं पड़ता है। यह बातें बिहार सरकार के वन पर्यावरण मंत्री तेजप्रताप यादव ने कही है। 


दरअसल,राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव ने कल ट्वीट करते हुए लिखा था कि - कैंसर का इलाज सिर दर्द का दवा खाने से नहीं होगी। उसके बाद इसको लेकर राजनीतिक गलियारों में जमकर विवाद हुआ। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि - लालू खुद बिहार के लिए कैंसर हैं। बिहार में अगर अराजकता की स्थिति बनाने वाला अगर कोई नेता रहा तो वह लालू प्रसाद हैं। लालू ने ही बिहार में जातीय उन्माद फैलाकर, ये जो कैंसर की बात कर रहे हैं सिर्फ और सिर्फ लालू प्रसाद ने ही यह स्थिति उत्पन्न की है। लालू प्रसाद ही बिहार की राजनीति के कैंसर हैं। लालू प्रसाद को तो अब पूजा पाठ में लगना चाहिए। नीतीश कुमार की कृपा से लालू सजायाफ्ता हैं, अब तो भगवान की शरण में चले जाएं। बिहार की राजनीति को बर्बाद करने वाला अगर कोई नेता बिहार में पैदा लिया तो उसना नाम लालू प्रसाद है।


इसके बाद अब इसको लेकर तेजप्रताप यादव ने कहा कि - सम्राट चौधरी होता कौन है? सम्राट चौधरी का कोई हैसियत है क्या लालू जी पर कुछ भी बोलने का। उनका हैसियत है कुछ सम्राट चौधरी का। सम्राट चौधरी तो खुद सकुनी मामा के पुत्र हैं जो महाभारत करवाए। इसलिए ये लोग कुछ भी बोलता है तो उसका कोई फर्क नहीं पड़ता है। 


आपको बताते चलें कि - लालू ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि, ‘जातिगत जनगणना के विरुद्ध जो भी लोग है वो इंसानियत, सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक बराबरी तथा समानुपातिक प्रतिनिधित्व के ख़िलाफ है। ऐसे लोगों में रत्तीभर भी न्यायिक चरित्र नहीं होता है’। इसके आगे आगे लिखते हैं, ‘किसी भी प्रकार की असमानता एवं गैरबराबरी के ऐसे समर्थक अन्यायी प्रवृत्ति के होते है जो जन्म से लेकर मृत्यु तक केवल और केवल जन्मजात जातीय श्रेष्ठता के आधार एवं दंभ पर दूसरों का हक खाकर अपनी कथित श्रेष्ठता को बरकरार रखना चाहते है’। अंत में उन्होंने लिखा, ‘कैंसर का इलाज सिरदर्द की दवा खाने से नहीं होगा’।