BEGUSARAI: जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में शनिवार को हुए आइडी ब्लास्ट में बेगूसराय के लाल लेफ्टिनेंट ऋषि रंजन शहीद हो गए। बेगूसराय के सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह शहीद के परिजनों से मिलने उनके घर पर पहुंचे। परिजनों से मिलकर गिरिराज सिंह ने उनका हौसला बढ़ाया और इस मौके पर उन्हें सात्वना दी। गिरिराज सिंह ने कहा कि शहीद के खून के एक-एक कतरा का बदला हम लेकर रहेंगे। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने शहीद के स्वजनों से मिलकर उन्हें ढाढ़स बंधाया।
30 अक्टूबर को सुंदरवन सेक्टर के रजौरी नौशेरा में आईडी ब्लास्ट के दौरान बेगूसराय के लाल ऋषि रंजन शहीद हुए हैं। घटना की सूचना मिलते ही बेगूसराय और लखीसराय में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। ऋषि कुमार बेगूसराय के प्रोफेसर कॉलोनी निवासी राजीव रंजन के पुत्र थे। ऋषि रंजन एक साल पहले ही सेना में ज्वाइन किये थे। परिजनों से मुलाकात के बाद गिरिराज सिंह ने कहा कि जिस तरह बिहार के वीर सपूत जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए हैं वह बेकार नहीं जाएगा शहीद के खून का बदला हम लेकर रहेंगे।
गिरिराज सिंह ने इस घटना पर दुख जताते हुए कहा कि सरकार इस मुश्किल घड़ी में शहीद के परिवार के साथ मजबूती के साथ खड़ी है। शहीद लेफ्टिनेंट का पार्थिव शरीर आज दोपहर तक बेगूसराय पहुंचने की संभावना है। बेगूसराय सांसद गिरिराज सिंह और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है।
शहीद ऋषि कुमार मूलतः लखीसराय के पिपरिया के रहने वाले थे लेकिन कई दशक पूर्व से ही जीडी कॉलेज के पास पिपरा रोड में घर बना कर रह रहे थे। दादा रिफाइनरी में कार्यरत थे जिसके कारण वे सपरिवार बेगूसराय में ही बस गए थे। इस घटना की जानकारी मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। शहीद के पिता राजीव रंजन ने बताया कि पिछले 5 दिन पहले ही मां से उसकी बात हुई थी फोन पर उसने कहा था कि वह बहन की शादी में छुट्टी लेकर घर आ रहा हैं। इसी बीच बेटे के शहीद होने की सूचना मिली।
बताया जाता है कि शहीद ऋषि रंजन ने एक साल पहले ही सेना में ज्वाइन किए थे। करीब एक माह पहले जम्मू कश्मीर के नौसेरा सेक्टर में पोस्टिंग हुई थी। शनिवार की शाम अपने टीम के साथ पाकिस्तान के बॉर्डर इलाके में गश्ती कर रहे थे। इसी दौरान शाम करीब छह बजे आईडी विस्फोट में लेफ्टिनेंट ऋषि रंजन और एक जवान मनजीत सिंह शहीद हो गये। ऋषि रंजन बेगूसराय के रहने वाले थे जबकि मनजीत सिंह पंजाब के भंटिडा के रहने वाले थे। कंपनी कमांडर ने शनिवार की देर शाम करीब 7:30 बजे पिता को फोन पर घटना की सूचना दी।
इकलौते पुत्र के निधन से माता-पिता समेत अन्य परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। ऋषि अपने दो बहनों के इकलौते भाई और पिता के दो भाइयों में इकलौते चिराग थे। घटना के बाद बेगूसराय से लेकर लखीसराय तक शोक की लहर फैल गयी है। परिजन का कहना है कि ऋषि की छोटी बहन की शादी 29 नवंबर को होने वाली थी। शादी की तैयारी में लोग जुटे हुए थे। बहन की शादी में शामिल होने के लिए ऋषि 22 नवंबर को आने वाले थे लेकिन इसी बीच उनकी मौत सूचना से पूरे परिवार में दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। पार्थिव शरीर रविवार को बेगूसराय पहुंचने की संभावना है।