सदन में झूठ बोलते हैं तेजस्वी, प्रशांत किशोर बोले- दो दिन में तमिलनाडु हिंसा का वीडियो करेंगे जारी

सदन में झूठ बोलते हैं तेजस्वी, प्रशांत किशोर बोले- दो दिन में तमिलनाडु हिंसा का वीडियो करेंगे जारी

SIWAN: तमिलनाडु हिंसा को लेकर बिहार की सियासत पूरी तरह से गरमा गई है। बीजेपी के साथ साथ अन्य विपक्षी दल महागठबंधन की सरकार पर हमलावर हो गए हैं। इसको लेकर बिहार विधानसभा में विपक्ष ने जोरदार हंगामा मचाया था। जिसके बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर जांच टीम तमिलनाडु पहुंची है, हालांकि इससे पहले डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने सदन में पूरे मामले को झूठा और भ्रामक बताया था। इसी बीच चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने इसको लेकर तेजस्वी यादव पर जोरदार हमला बोला है। प्रशांत किशोर ने कहा है कि तेजस्वी यादव ने सदन में झूठ बोला है और वे दो दिन में तमिलनाडु हिंसा का वीडियो जारी करेंगे।


जन सुराज यात्रा के तहत सीवान पहुंचे प्रशांत किशोर ने दावा किया है कि तमिलनाडु में जो बिहारियों पर हमले के मामले सामने आ रहे हैं वह बिल्कुल सही हैं। घटना से जुड़े जो वीडियो सामने आए उसे कुछ लोग फेक बता रहे हैं। बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने विधानसभा में वीडियो को गलत बताया, लेकिन दो दिनों में हिंसा से जुड़े वीडियो जारी करेंगे। सरकार इस मामले को रफा-दफा करने की कोशिश कर रही है। इस घटना में सच्चाई है कि जो लोगों बिहार से वहां रोजगार के लिए गए हैं, उनके साथ मारपीट हुई है।


पीके ने कहा कि तमिलनाडु के DGP ने भी सिर्फ दो वीडियो का खंडन किया है और उस घटना के 5 वीडियो उससे पहले आ गए हैं। पिछले 4 महीनों से ये घटना हो रही है। केंद्र सरकार ने वीडियो जारी किया है। बिहार के जो भी नेता इस मामले को गलत साबित करने मे लगे हुए हैं कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। प्रशांत किशोर ने कहा कि वे तमिलनाडु हिंसा से जुड़ा वीडियो दो दिन के भीतर जारी करेंगे और सच का सामने लाकर रहेंगे।


इस दौरान प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी जोरदार हमला बोला। पीके ने कहा कि नीतीश कुमार चुनाव हारने के बाद भी कोई न कोई जुगत लगाकर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बने हुए हैं। प्रशांत किशोर ने कहा कि 2014 में नीतीश कुमार चुनाव नहीं हारे थे बल्कि उनकी पार्टी चुनाव हारी थी, क्योंकि उनके सांसदों की संख्या घटकर 2 हो गई थी और उन्होंने इस्तीफा देकर मांझी को मुख्यमंत्री बनाया था। आज वही नीतीश कुमार जो 2020 में चुनाव हार चुके हैं, क्योंकि विधानसभा में उनके पास सिर्फ 42 विधायक हैं, फिर भी कोई ना कोई जुगत लगाकर, उसी कुर्सी पर फेविकोल लगाकर बैठे हैं। चाहे इसके लिए वो राजद के साथ गठबंधन बनाए या फिर कमल का हाथ पकड़ लें।


उन्होंने कहा कि बिहार में बेरोजगारी के कारण होने वाला पलायन एक बड़ी समस्या है। हर पंचायत से पांच सौ से एक हजार लड़के बिहार से बाहर जाकर मजदूरी कर रहे हैं। आमतौर पर समझा जाता है कि बेरोजगारी और पलायन गरीब लोगों के लिए समस्या है लेकिन देखने में ये आया है कि मध्यवर्गीय परिवारों मे भी बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है। बिहार में ज्यादातर लोगों ने मान लिया है कि परिवार का युवा परिवार के साथ रह ही नहीं सकता है, क्योंकि रोजगार की तलाश में वो बिहार से बाहर जाता है और साल में एक बार ही वापस आता है, जो एक बहुत ही गंभीर समस्या है।