PATNA : बिहार में वैक्सीनेशन अभियान जोरों शोरों से चल रहा है. इसी बीच एनटीपीसी ने बिहार से वैक्सीन मांगा है. बताया जा रहा है कि कोरोना से बाढ़ बिजलीघर को सुरक्षित चलाने के लिए कर्मियों का टीकाकरण बहुत जरूरी है इसलिए सरकार से वैक्सीन की मांग की गई है. एनटीपीसी ने इसके लिए बिहार के मुख्य सचिव और स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को पत्र भी लिखा है और उनसे वैक्सीन के लिए गुहार लगाई है. पत्र में अनुरोध किया गया है कि बाढ़ बिजलीघर कैंपस में वैक्सीन सेंटर बनाकर सभी इंजीनियरों-अधिकारियों और कर्मचारियों का टीकाकरण किया जाए.
एनटीपीसी की ओर से बिहार सरकार को 4 और 5 मई को ही पत्र लिखा गया है लेकिन अभी तक उनसे अनुरोध पर आश्वासन के अलावा और कोई कार्रवाई नहीं हुई है. यह परेशानी सिर्फ बाढ़ बिजलीघर के लिए ही दिख रही है. एनटीपीसी इस बात को लेकर अधिक चिंतित है कि बाढ़ बिजलीघर का संचालन कही कोरोना के कारण प्रभावित न हो जाए. इस समय वह वॉर स्ट्रैटजी के तहत इसका संचालन कर रहा है. उत्पादन यूनिट के लिए उसने इंजीनियरों-कर्मियों की वैकल्पिक व्यवस्था की है. लेकिन यदि यह टीम भी कोरोना की चपेट में आ गई तो इन यूनिटों के बिजली उत्पादन प्रभावित हो सकता है.
दरअसल, एनटीपीसी पहले से कोरोना संक्रमण से बुरी तरह जूझ रहा है. बड़ी संख्या में इसके इंजीनियर, अधिकारी व कर्मचारी कोरोना की चपेट में हैं. लगभग 150 से अधिक लोग कोरोना की चपेट में हैं. एनटीपीसी ने बाढ़ में ही अपने कैंपस में कोविड सेंटर बनाया हुआ है. यह अस्पताल के रूप में काम कर रहा है लेकिन इसके सारे बेड फुल हैं. बाढ़ बिजलीघर से ही बिहार के सबसे अधिक बिजली मिलती है. यहां से बिहार का कोटा 1100 मेगावाट है, जबकि एनटीपीसी से बिहार को 3600 मेगावाट बिजली मिलती है.
बाढ़ में अभी दूसरे चरण की 660-660 मेगावाट की दो यूनिट से बिजली का उत्पादन हो रहा है जबकि स्टेज-1 के तहत 660-660 मेगावाट की तीन यूनिट का निर्माण कार्य विभिन्न चरणों में है. इस समय 1100 मेगावाट बिजली तो बिना किसी परेशानी के मिल रही है, लेकिन यदि कोरोना संक्रमण के कारण यहां कोई परेशानी हुई तो बिहार को बड़ा झटका लग सकता है.