PATNA : इंडिगो के एयरपोर्ट स्टेशन मैनेजर रूपेश कुमार सिंह की हत्या को हुए 17 दिन गुजर चुके हैं.12 जनवरी को रूपेश सिंह की हत्या पुनाइचक स्थित उनके ही अपार्टमेंट के गेट पर कर दी गई थी. अपराधियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया था लेकिन जांच के 17 दिन गुजर जाने के बावजूद पुलिस अब तक किसी भी थ्योरी को प्रूफ नहीं कर पाई है.17 दिन तक पुलिस का हाथ बिल्कुल खाली है. ऐसे में इस हाईप्रोफाइल मर्डर को लेकर अब चर्चा होने लगी है कि रूपेश हत्याकांड का शायद ही खुलासा हो पाए. अब तक जितने भी ऐसे हाई प्रोफाइल मामले हुए हैं, उसमें जांच जितनी लंबी खिंची है खुलासे की उम्मीद उतनी ही कम हुई है.
डीजीपी के दावे को हफ्ता निकला
बिहार के डीजीपी एसके सिंघल ने हफ्ते भर पहले यह दावा किया था कि पुलिस जल्द ही रूपेश हत्याकांड का खुलासा कर देगी। दरअसल इस हाईप्रोफाइल मामले को लेकर जब बवाल मचा तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डीजीपी को तलब किया था। डीजीपी मुख्यमंत्री से मुलाकात कर जब सीएम सचिवालय से निकले तो उन्होंने दावा ऐसे किया जैसे चंद घंटों में ही पुलिस रुपेश हत्याकांड का खुलासा करने वाली है लेकिन इस दावे को भी हफ्ते भर से ज्यादा गुजर चुका है। डीजीपी ने तब पार्किंग विवाद की तरफ हत्या की सुई घुमाई थी लेकिन पुलिस की यह थ्योरी भी जांच को नतीजे तक नहीं पहुंचा पाई। रूपेश की हत्या के मामले में एसआईटी और एसटीएफ ने चार अलग-अलग थ्योरियों पर काम किया लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं निकला.
सबसे बड़ी जांच का दायरा
रूपेश कुमार सिंह की हत्या के बाद इस हाईप्रोफाइल मामले में एसआईटी और एसटीएफ की अलग-अलग टीमों ने ना केवल बिहार बल्कि अलग-अलग राज्यों में भी जांच की दिशा को आगे बढ़ाया. बिहार के 11 जिलों में एसटीएफ और एसआईटी ने छापेमारी की लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं निकला. इतना ही नहीं गोवा, दिल्ली, गुजरात, यूपी, बंगाल, झारखंड तक पुलिस की टीमें घुमाई लेकिन हाथ खाली रहा. पुलिस के सामने अभी बड़ा सवाल बना हुआ है कि इंडिगो के मैनेजर रूपेश सिंह की हत्या की असल वजह क्या है. हत्या की साजिश आखिर किसने रची. अगर हत्या सुपारी देकर कराई गई तो इसके पीछे कौन लोग शामिल थे. शूटर कहां से बुलाए गए. यह क्या ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब अब तक पुलिस नहीं दे पाई है. इतना ही नहीं पुलिस ने रुपेश के परिवार वालों से भी पूछताछ की है उनके करीबी रहे कंपनी के लोगों से लेकर दोस्तों और रिश्तेदारों से भी पूछताछ हो चुकी है. एक बड़े बिल्डर के परिवार से भी पटना पुलिस ने पूछताछ की है. टेंडर विवाद के लिंक को भी खंगाला गया लेकिन इसमें भी कुछ नहीं मिला
जांच में सबसे बड़ा पेंच
रूपेश हत्याकांड को लेकर पटना पुलिस का कोई अधिकारी या फिर एसआईटी से लेकर पुलिस मुख्यालय तक के कोई पदाधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. पुलिस के सामने इस मामले में बताने के लिए शायद कुछ भी नहीं है लेकिन पुलिस के अंदर खाने इस बात को लेकर चर्चा जरूर है कि इस हाईप्रोफाइल मामले में एसआईटी जिन लोगों से पूछताछ करना चाहती है उनसे बात करना भी संभव नहीं. दरअसल रूपेश कुमार सिंह बेहद हाई प्रोफाइल सर्किल में रहते थे. रुपेश की हत्या के बाद जिन लोगों से पूछताछ की गई वह लो प्रोफाइल लोग रहे हैं. जबकि रूपेश का उठना बैठना बड़े अधिकारियों और राजनेताओं के साथ था. ज्यादातर वक्त रूपेश ऐसे हाईप्रोफाइल लोगों के साथ ही बिताते थे लेकिन पुलिस के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि राजनेताओं से लेकर ब्यूरोक्रेट्स तक से आखिर वह पूछताछ करे तो कैसे. बड़े लोगों से पूछताछ में शायद एसआईटी को कोई क्लू मिल जाता. लेकिन पूछताछ करना तो दूर ऐसे बड़े लोगों का नाम लेने से भी एसआईटी के लोग डर रहे हैं. माना जा रहा है कि जांच में सबसे बड़ा पीछे यही हाई प्रोफाइल जोन है.