PATNA: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दो दिनों से लालू यादव के आवास का चक्कर क्यों काट रहे हैं. वह भी बिना टाइम लिये या बात किये. आखिरकार नीतीश अचानक से लालू आवास क्यों पहुंच जा रहे हैं. राजनीतिक गलियारे में ये चर्चा का विषय बना है.
बता दें कि सोमवार को कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ एक ही गाड़ी से निकले. उनकी गाड़ी सीधे दस सर्कुलर रोड स्थित लालू-राबडी आवास पर पहुंच गयी. नीतीश सिर्फ 10 से 12 मिनट के लिए लालू आवास में रहे. लालू-राबडी आवास के सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार ने लालू यादव से हाल चाल पूछा. वहां तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी भी मौजूद थीं. हालचाल लेने के बाद अचानक से नीतीश कुमार अपनी गाड़ी में बैठे और वहां से निकल गये.
इससे पहले रविवार को भी नीतीश कुमार अचानक से लालू प्रसाद यादव के आवास पर पहुंच गये थे. वह भी तब लालू अपने आवास में मौजूद नहीं थे. वे राजगीर चले गये थे. इसके बाद भी नीतीश कुमार उनके घर पहुंचे. रविवार को जब नीतीश वहां पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि लालू यादव राजगीर गये हैं. इसके बाद वे मुश्किल से 5 मिनट के लिए लालू आवास में रूके और फिर निकल गये.
पहले से बिना बात किये पहुंच जा रहे हैं नीतीश
रविवार को लालू आवास पर पहुंचे नीतीश कुमार ने वहां जाने से पहले लालू यादव या उनके परिवार के लोगों से बात तक नहीं की थी. लिहाजा उन्हें ये पता भी नहीं था लालू घर पर नहीं हैं. सोमवार को भी जब कैबिनेट की बैठक हो रही थी तो बैठक के दौरान ही उन्होंने तेजस्वी यादव को कहा कि वे साथ में 10, सर्कुलर रोड चल रहे हैं. लालू-राबडी के साथ साथ तेजस्वी भी यहीं रहते हैं. नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव को अपनी गाड़ी में बिठा लिया और उनके साथ 10, सर्कुलर रोड पहुंच गये.
कोई राजनीतिक चर्चा नहीं
सूत्रों की मानें तो नीतीश ने दोनों दिन लालू-राबड़ी आवास में कोई राजनीतिक चर्चा नहीं की. रविवार को तो लालू यादव थे ही नहीं इसलिए नीतीश 5 मिनट में ही निकल गये. सोमवार को भी जब वे पहुंचे तो सिर्फ 10-12 मिनट के लिए रूके. राजद के एक नेता ने कहा कि 10 मिनट तो हाल-चाल लेने में ही निकल गया. इतने कम समय में कोई राजनीतिक चर्चा कैसे हो सकती है.
लटका है सीट शेयरिंग का मामला
राजद-जेडीयू सूत्रों की मानें तो बिहार में महागठबंधन के दलों के बीच सीट शेयरिंग का मामला लटका है. अब तक सीट शेयरिंग को लेकर औपचारिक बातचीत शुरू तक नहीं हुई है. बिहार में छह दलों का महागठबंधन है। इनमें जदयू, राजद, कांग्रेस, भाकपा, माकपा एवं भाकपा माले शामिल है. राज्य की 40 लोकसभा सीटों के लिए इन्हीं छह दलों के बीच सीटों का बंटवारा होना है. 40 में से 16 सीटों पर जेडीयू के सीटिंग एमपी हैं. स्वाभाविक तौर पर जेडीयू को अपनी सीटिंग सीटें चाहिये. यानि बाकी बचे 24 सीटों को राजद, कांग्रेस, माले, सीपीआई, सीपीएम बांट लें. इसमें कांग्रेस एलान कर चुकी है कि उसे 10 लोकसभा सीटें चाहिये. माले का दावा पांच सीटों पर है.
जाहिर है बिहार में महागठबंधन की पार्टियों के बीच सीटों का बंटवारा बेहद मुश्किल काम है. विपक्षी पार्टियों के गठबंधन इंडिया की पिछली बैठक में तय किया गया था कि राज्यों में जल्द से जल्द सीटों का बंटवारा कर लिया जाये. लेकिन बिहार में तो सीट शेयरिंग के लिए औपचारिक बातचीत तक शुरू नहीं हुई है. ऐसे में सीट शेयरिंग कब तक औऱ कैसे हो पायेगी ये देखना दिलचस्प होगा.