रोहिणी पर बोलने के बाद रूडी को उनकी ही बेटी ने डांटा, कहा- बेटियां होती हैं सबसे काबिल, नहीं है उससे लड़ाई

रोहिणी पर बोलने के बाद रूडी को उनकी ही बेटी ने डांटा, कहा- बेटियां होती हैं सबसे काबिल, नहीं है उससे लड़ाई

SARAN : वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में बिहार का सारण एक बार फिर हॉट सीट बन गया है। यहां लड़ाई भाजपा के राजीव प्रताप रूडी और लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के बीच है। लेकिन यहां से चुनाव लड़ रहे राजीव प्रताप रूडी रोहिणी आचार्य से खुद की लड़ाई मानने को तैयार नहीं है। बल्कि वह अभी भी अपनी लड़ाई लालू यादव से बता रहे हैं। इसी कड़ी में अब रूडी ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने एक दैनिक अखबार से बात करते हुए कहा कि उन्हें अपनी बेटी से डांट सुनने को मिली है। सबसे बड़ी बात है कि उन्हें यह डांट अपने विरोधी कैंडिडेट के खिलाफ बोलने पर लगी है। 


दरअसल, राजीव प्रताप रूडी से जब यह सवाल किया कि आप रोहाणी को लेकर कभी भी कुछ बोलते हुए दिखाई नहीं देते हैं ऐसा क्यों ? इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि वह बेटी हैं, कुछ भी बोल सकती हैं। उनके लिए बोलने पर तो मैं अपनी बेटी से भी डांट सुन चुका हूं। इसलिए अब मैं उनके बारे में कुछ नहीं बोलता हूं। वैसे भी मेरी लड़ाई लालू यादव से है, उनकी बेटी से नहीं। 


रूडी ने कहा कि छपरा की लड़ाई दिलचस्प इसलिए है, क्योंकि मेरी लड़ाई इन नामों से नहीं होती। सबको पता है कि कैंडिडेट एक मुखौटा है। एक चेहरा है, जिसे सामने लाया गया है। डिबेट बढ़ाने के लिए। तभी तो आप मेरे पास आए हैं। लेकिन, मेरी लड़ाई लालू प्रसाद जी से है। वह ताकतवर व्यक्ति माने जाते हैं। उनकी ताकत को पूरे छपरा ने देखा है, बिहार ने देखा है। उस आतंक को देखा है, उस भयावह चेहरे को देखा है। अपने एक कैंडिडेट के चेहरे के पीछे सबलोग उस चेहरे को देख रहे हैं, जिसने बिहार के साथ जो कुछ किया है, वह सबको पता है।


उधर, रोहाणी आचार्य ने कहा था कि आगामी 4 जून को चुनाव परिणाम के वह सारण से मेरा एरोप्लेन टेक ऑफ करा देंगी। रूडी अंकल रूढ़िवादी सोच के हैं। रूडी कहते हैं कि महिला विरोध के सवाल पर रोहिणी ने कहा है कि मेरा मानना है कि सबकी बेटियां प्यारी होती हैं। मेरा मानना है कि बेटियां तो सबसे काबिल होती हैं। बेटियां फौज में कप्तान होती हैं, बेटियां फाइटर पायलट होती हैं, बेटियां डॉक्टर होती हैं, बेटियां इंजीनियर होती हैं। बेटियां बैंक में काम करती हैं। बेटियां घर को देखती हैं। बेटियां यूपीएससी और बीपीएससी का एग्जाम पास करती हैं। बेटियों के बिना तो कुछ भी नहीं है। बेटियां हर घर की प्यारी होती हैं। ठीक है, मैं रोज प्लेन टेकऑफ करता हूं, एकबार और कर लूंगा। कोई दिक्कत नहीं है। वह बेटी है तो कुछ भी बोल सकती है। बेटी को इसका अधिकार है।