PATNA: सोशल मीडिया पर अपनी कमेंट्स से चर्चे में रहने वाले राजद के एमएलसी सुनील सिंह ने फिर से बखेड़ा खड़ा किया. सोशल मीडिया पर सुनील सिंह ने लिखा है-बिहार के मौजूदा राजनीतिक परिपेक्ष्य में ये कहावत सटीक बैठती है कि ऐसा कोई सगा नहीं जिसे हमने ठगा नहीं. अब सवाल ये उठ रहा है कि एमएलसी सुनील सिंह ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा है या फिर तेजस्वी यादव पर.
सुनील सिंह ने फेसबुक पोस्ट किया है. उसमें लिखा है- काफ़ी अरसे उपरान्त मैं बीती रात तेजस राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन से नई दिल्ली से पटना का सफर कर रहा था. कानपुर स्थित मेरे किसी शुभचिंतक को यह जानकारी प्राप्त हुई कि मैं ट्रेन से ही नई दिल्ली से पटना जा रहा हूं. अतः उन्होंने मुझे सौगात स्वरूप कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर वहां का मशहूर "ठग्गू का लड्डू" गिफ्ट किया. इसके डब्बे पर ही लिखा हुआ कि कोई "ऐसा कोई सगा नहीं जिसे हमने ठगा नहीं"! इस स्लोगन को पढ़ते ही मेरे मन में तरह-तरह और भांति- भांति की बातें उमड़ने और घुमड़ने लगी,जो संभवतः बिहार के मौजूदा राजनीतिक परिपेक्ष्य में बिल्कुल सटीक बैठता है.
निशाना किस पर है
वैसे एमएलसी सुनील सिंह लगातार अपने फेसबुक पोस्ट के जरिये नीतीश कुमार पर निशाना साधते रहे हैं. इसके कारण बड़ा विवाद भी हो चुका है. महागठबंधन विधायक दल की बैठक में नीतीश कुमार ने उन्हें जमकर फटकार लगायी थी. नीतीश कुमार ने कहा था कि सुनील सिंह भाजपा नेताओं के संपर्क में हैं और बीजेपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं. उसके बाद लालू यादव ने सुनील सिंह को बयानबाजी बंद करने की सख्त चेतावनी दी थी. लेकिन सुनील सिंह अपने फेसबुक पोस्ट के जरिये नीतीश कुमार पर निशाना साधते रहे हैं.
क्या इस बार तेजस्वी यादव निशाने पर हैं?
वैसे सियासी जानकार ये भी कह रहे हैं कि इस दफे सुनील सिंह का पोस्ट दोतरफा वार कर रहा है. वे खुद को लालू यादव परिवार का सबसे करीबी बताते रहे हैं. काफी दिनों से उनकी इच्छा मंत्री बनने की रही है लेकिन लालू यादव और तेजस्वी उनकी इच्छा पूरी नहीं कर रहे हैं. तो क्या सुनील सिंह लालू-तेजस्वी पर भी निशाना साधने लगे हैं. चर्चा इस बात की भी हो रही है.
वैसे भी तेजस्वी यादव पर जनता के साथ वादाखिलाफी करने के लगातार आरोप लग रहे हैं. सत्ता में आने के बाद वे अपना हर वादा भूल गये जो 2020 से लेकर 2022 तक लगातार दुहरा रहे थे. सरकार में आने से पहले तेजस्वी यादव ने पहली कलम से 10 लाख नौकरी देने, सारे नियोजित शिक्षकों को नियमित वेतनमान देने, ममता-आशा को सरकारी नौकरी देने जैसे जितने वादे किये थे, वे सब भूल गये. तेजस्वी पर ये भी आरोप है कि सत्ता में नहीं रहने पर जिन लोगों ने उनका साथ दिया, वैसे ज्यादातर लोगों को वे सत्ता में आकर भूल गये. तो क्या सुनील सिंह तेजस्वी यादव पर भी निशाना साध रहे हैं.