PATNA : राष्ट्रीय जनता दल के एक विधायक की सदस्यता खतरे में पड़ सकती है। बैकुंठपुर से आरजेडी विधायक प्रेम शंकर यादव की सदस्यता को पूर्व विधायक और बीजेपी नेता मिथिलेश तिवारी ने चुनौती दी थी।
पटना हाई कोर्ट में मिथिलेश तिवारी की तरफ से याचिका दायर करते हुए यह कहा गया था कि आरजेडी उम्मीदवार में चुनाव के दौरान दिए गए हलफनामे में कई महत्वपूर्ण जानकारियों को छिपाया। अपने ऊपर आपराधिक मामले समेत अपनी पत्नी की संपत्ति से जुड़ी जानकारियों को प्रेम शंकर यादव ने छिपाया है। और इस लिहाज से उनका निर्वाचन अवैध करार दिया जाए।
पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर होने के बाद करोना काल के कारण लंबे समय तक के सुनवाई नहीं हो पाई थी। हाईकोर्ट में आज मिथिलेश तिवारी की याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आरजेडी विधायक प्रेम शंकर यादव को 4 हफ्ते के अंदर लिखित जवाब दायर करने का आदेश दिया। प्रेम शंकर यादव को अदालत की तरफ से पहले भी निर्देश दिया गया था। लेकिन कोरोनाकाल के कारण कोर्ट की सुनवाई नहीं होने की वजह से कोर्ट ने इस मामले मे उन्हें 4 हफ्ते का और समय दिया है।
याचिकाकर्ता मिथिलेश तिवारी के अधिवक्ता एसबीके मंगलम ने जानकारी दी कि कोर्ट ने प्रेम शंकर यादव की तरफ से लिखित जवाब नहीं आने को लेकर नाराजगी भी जाहिर की लेकिन उन्हें 4 हफ्ते में जवाब देने का निर्देश दिया गया है। कानूनी जानकारों के मुताबिक अगर 4 हफ्ते में प्रेम शंकर यादव की तरफ से लिखित जवाब नहीं दिया जाता है तो इस याचिका पर सुनवाई के दौरान उन्हें अपना पक्ष रखने से कोर्ट वंचित भी कर सकता है।
2020 के विधानसभा चुनाव में विधानसभा सीट पर उम्मीदवार प्रेम शंकर यादव ने बीजेपी उम्मीदवार मिथिलेश तिवारी को शिकस्त दी थी। बाद में मिथिलेश तिवारी ने आरजेडी उम्मीदवार की तरफ से जानकारी छिपाई जाने को आधार बनाते हुए हाईकोर्ट के अंदर याचिका दायर की थी।