RANCHI: मुखिया पद के लिए तीन बार चुनाव लड़ चुके रिक्शा चालक कृष्णा को जब जीत हासिल नहीं हुई तब भी उसने हार नहीं मानी। वह एक बार फिर यानि चौथी बार किस्मत अजमाने के लिए चुनाव मैदान में उतर पड़ा। उसके पास ना कोई चल संपत्ति थी और ना ही अचल संपत्ति। इसके बावजूद उसने चुनाव लड़ने का मन बना लिया। उसकी हिम्मत और जज्बे को देख ग्रामीण भी मदद के लिए सामने आ गये। ग्रामीणों ने चंदा देकर कृष्णा का हौसला बढ़ाया।
ग्रामीणों के चंदे के पैसे से कृष्णा मुखिया का चुनाव लड़ा और आखिरकार उसे जीत हासिल हुई। कृष्णा के पास अपना ना तो साइकिल था और ना ही मोबाइल ही था। ग्रामीणों ने चंदा इक्टठा कर कृष्णा को साइकिल और मोबाइल लाकर दिया। कृष्णा के मुखिया बनने से गांव में खुशी की लहर दौड़ गयी है। कृष्णा की जीत से जब गांव वाले इतने खुश है तो कृष्णा कितना खुश होगा यह अंदाजा लगा सकते हैं।
कृष्णा पेशे से रिक्शा चालक है वह रांची के राहे पंचायत के पुरनानगर का रहने वाला है। दस साल से रिक्शा चलाकर वह अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करता आ रहा है। जब कृष्णा चुनाव जीता उससे पहले से ही लोग उसे मुखिया कहकर बुलाते थे। कृष्णा अपनी पत्नी और चार बेटियों के साथ पुरनानगर में रहता है।
कृष्णा का कहना है कि वह बेहद गरीब फैमिली से आता है उन्हें गरीबों ने ही अपना जनप्रतिनिधि चुना है। चुनाव जीतने के बाद अब उसका पूरा ध्यान लोगों की सेवा करना होगा। अपने क्षेत्र के लोगों के लिए वे उतना काम करेंगे जीतना किसी ने नहीं की होगी।
गौरतलब है कि रांची के 21 जिलों में 72 प्रखंडों के 1127 ग्राम पंचायतों में हुए पहले चरण के पंचायत चुनाव के नतीजे आने शुरू हो गये है। पहले चरण का मतगणना जारी है। करीब 500 ग्राम पंचायतों के परिणाम घोषित हो चुके है अन्य जगहों का काउंटिंग जारी है। जबकि 19 मई को दूसरे चरण का मतदान होगा। दूसरे चरण की मतगणना 22मई को होगी।