RCP सिंह ने केंद्र के सामने रखी मांग, बोले- 75 साल नहीं बल्कि 60 साल से ऊपर वालों को टैक्स भरने से मिले छूट

RCP सिंह ने केंद्र के सामने रखी मांग, बोले- 75 साल नहीं बल्कि 60 साल से ऊपर वालों को टैक्स भरने से मिले छूट

PATNA : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सबसे भरोसेमंद और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज्यसभा सदस्य आरसीपी सिंह ने केंद्र सरकार के सामने एक बड़ी मांग रखी है. गुरुवार को राज्यसभा में केंद्रीय बजट पर चर्चा के दौरान बजट को शानदार बताते हुए आरसीपी सिंह ने कहा कि बजट में कोई नया टैक्स नहीं लगा, यह एक सराहनीय कदम है.


आम बजट में सिर्फ 75 साल से ज्यादा उम्र के सीनियर सिटीजन्स को ही रिटर्न दाखिल करने से छूट दिए जाने पर आईसीपी सिंह ने केंद्र के सामने अपनी बात रखी और कहा कि "बजट में कोई नया टैक्स नहीं लगा. 75 साल से ऊपर के लोगों को आयकर रिटर्न भरने से मुक्त कर दिया गया, जो सराहनीय कदम है. मैं अनुरोध करूंगा कि 75 की जगह 60 साल से ऊपर के लोगों को रिटर्न भरने से मुक्त किया जाएगा तो सीनियर सिटीजन को इससे बहुत लाभ होगा."


चर्चा के दौरान आरसीपी सिंह ने कहा कि "केंद्र सरकार की मूलभूत सोच सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास है. बिहार में हमारे नेता नीतीश कुमार का संकल्प न्याय के साथ विकास, समावेशी विकास है, इसका मतलब है सभी लोगों का विकास और सभी क्षेत्रों का उत्थान. पूरी की पूरी एनडीए सरकार की भी यह सोच है."


सदन में जेडीयू के सांसद आरपीसी सिंह ने कांग्रेस के सांसद कपिल सिब्बल पर भी तीखा हमला बोला और कहा कि "कपिल जी कल तो बोल रहे थे, आज नहीं आए.  आरपीसी सिंह ने ताना भी मारा और कपिल सिब्बल वकील हैं. कितना फीस लेते हैं ? चैरिटी बिगिंस एट होम... पहले अपना देखिए कुछ मिनटों के लिए जाते हैं और कितना पाते हैं ? कुछ ही मिनटों के लिए जाते हैं और लाखों पाते हैं." आपको बता दें कि बुधवार को कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने विपक्ष की तरफ से आम बजट पर चर्चा की शुरुआत करते हुए सरकार पर कई आरोप लगाए थे और कहा था कि सरकार आर्थिक संकट से निपटने में नाकाम रही है.


केंद्रीय बजट पर चर्चा के दौरान आरसीपी सिंह ने आगे कहा कि सरकार जो सब्सिडी फर्टिलाइजर कंपनियों को देती है, उस पर अध्ययन की जरूरत है. जितनी सब्सिडी हम फर्टिलाइजर कंपनियों को देते हैं. उसका 70% नाइट्रोजन पर जाता है. इसका दुष्प्रभाव यह पड़ता है कि हमारे उत्पादन के लिए एनपीके का जो जरूरी बैलेंस है, वह खत्म हो रहा है.  अनुरोध है कि असेसमेंट कर जितना इस पर खर्च होता है, वह सीधा डीबीटी के माध्यम से किसानों के खाते में दे दिया जाये. साथ ही बीज सब्सिडी भी किसानों के खाते में भेजा जाए.