PATNA: नीतीश कुमार की सुशासन वाली पार्टी में चल रहे शह-मात के खेल का सबसे बड़ी चाल सामने आयी. जेडीयू ने अपने ही कद्दावर नेता और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह पर करप्शन का बडा आरोप लगा दिया है. कभी पार्टी के सर्वेसर्वा रहे आरसीपी सिंह को प्रदेश अध्यक्ष ने नोटिस भेजा है. नोटिस में कहा गया है-आरसीपी सिंह जी, आपके परिवार ने नाम पिछले 9 साल में 58 प्लॉट की रजिस्ट्री हुई. यानि कुल 40 बीघा की जमीन की खरीद हुई. इसमें भ्रष्टाचार साफ साफ झलक रहा है. आप बताइयें, इतनी संपत्ति कहां से अर्जित की.
जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष की नोटिस
बडी दिलचस्प बात है. जेडीयू के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा को योग्यता औऱ वरीयता जैसे पैमानों को दरकिनार कर आरसीपी सिंह ने प्रदेश अध्यक्ष बनाया था. उसी प्रदेश अध्यक्ष ने आरसीपी सिंह को नोटिस भेजा है. नोटिस का मजमून पढिये
“ नालंदा जिला जेडीयू के दो साथियों ने साक्ष्य के साथ पार्टी के पास शिकायत की है. इसमें उल्लेख है कि साल 2013 से लेकर अब तक यानि 9 साल में आपके और आपके परिवार के नाम से अकूत संपत्ति की रजिस्ट्री हुई है. इसमें कई तरह की अनियमिततायें दिख रही हैं. आप लंबे समय तक पार्टी के सर्वमान्य नेता नीतीश कुमार के साथ अधिकारी और कार्यकर्ता के रूप में काम करते रहे हैं. आपको हमारे माननीय नेता ने दो बार राज्यसभा का सदस्य, पार्टी का संगठन महामंत्री, राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्र में मंत्री के रूप में काम करने का मौका दिया. आप इस तथ्य से वाकिफ हैं कि हमारे माननीय नेता नीतीश कुमार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस पर काम करते रहे हैं. इतने लंबे सार्वजनिक जीवन में कभी उन पर कोई दाग नहीं लगा और ना ही उन्होंने कोई संपत्ति बनायी. पार्टी आपसे अपेक्षा करती है कि आप इस शिकायत के सभी बिन्दुओं पर बिन्दुवार जवाब से पार्टी को तत्काल अवगत करायें.
RCP की संपत्ति
जेडीयू का ही आरोप है कि आरसीपी सिंह औऱ उनके परिवार के नाम पिछले 9 सालों में सिर्फ नालंदा जिले में 40 बीघा जमीन की खरीद हुई. पार्टी कह रही है कि दूसरे जिलों में भी संपत्ति हो सकती है. खरीदी गयी जमीन में ज्यादातर की रजिस्ट्री आरसीपी सिंह की पत्नी गिरिजा देवी औऱ दोनों बेटियां लिपि सिंह औऱ लता सिंह के नाम पर है. JDU ही ये कह रही है कि आरसीपी सिंह ने चुनावी हलफनामे तक में इस संपत्ति का जिक्र नहीं किया.
नालंदा में खऱीदी गयी ज्यादातर संपति
जेडीयू की नोटिस में शामिल ब्योरा के मुताबिक नालंदा के इस्लामपुर अंचल के सैफाबाद मौजा में 12 और केवाली अंचल में 12 प्लॉट की रजिस्ट्री आरसीपी सिंह के परिजनों के नाम हुई. ये प्लॉट उनकी बेटियां लिपि सिंह औऱ लता सिंह के नाम पर खरीदी गयीं. ये रजिस्ट्री 2013 से 2016 के बीच हुई.
आरसीपी सिंह नालंदा के अस्थावां प्रखंड के ही मूलनिवासी हैं. जेडीयू ने जो दस्तावेज जारी किये हैं उसके मुताबिक अस्थावां के शेरपुर मालती मौजा में आरसीपी परिवार के नाम 33 प्लॉट की रजिस्ट्री हुई. इनमें से 4 प्लॉट लिपि सिंह औऱ लता सिंह के नाम पर खऱीदे गये. पिता के तौर पर आरसीपी सिंह का नाम दर्ज है. वहीं, 12 प्लॉट की रजिस्ट्री गिरिजा सिंह के नाम की गयी. फिर 18 प्लॉट लता सिंह के नाम पर खरीदे गये. 2015 में महमदपुर में एक प्लॉट गिरिजा सिंह के नाम पर खरीदा गया. जेडीयू के पत्र के मुताबिक 2011 में दो प्लॉट, 2013 में 2 प्लॉट, 2014 में 5, 2017 में 1, 2018 में 3, 2019 में 4, 2020 में 3, 2021 में 6 और 2022 में 2 प्लॉट खरीदे गये.
जमीन लेने का लालू फैमिली जैसा मॉडल
हाल में ही ये आरोप लगा है कि लालू फैमिली ने लोगों से दान में जमीन ले ली. आरसीपी सिंह पर ऐसा ही आरोप लग रहा है. पार्टी के दस्तावेज के मुताबिक 28 अप्रैल 2014 को गया के नीमचक बथानी निवासी नरेश प्रसाद सिंह ने नालंदा के धर्मेंद्र कुमार को अपनी जमीन दान में दे दी. बाद में धर्मेंद्र कुमार ने वही जमीन लिपि सिंह और लता सिंह के नाम कर दी.
जेडीयू का ही आरोप है कि 2014 में नालंदा के सिलाव निवासी बिशेश्वर साव ने 4 सितंबर और 15 सितंबर को जमीन के दो प्लॉट खरीदे. 3 दिन बाद ही यानि 18 सितंबर को दोनों प्लॉट लिपि सिंह और लता सिंह को बेच डाला. दो और ऐसे मामले में हैं जिनमें जमीन खरीदने वाले ने 6 दिन बाद और 8 महीने बाद खरीदी हुई संपत्ति को लिपि सिंह और लता सिंह के नाम रजिस्ट्री कर दिया.
आरसीपी सिंह को निपटाने की फाइनल तैयारी
जेडीयू का ये पत्र आरसीपी सिंह को पार्टी से निकालने का फाइनल कदम है. केंद्र में मंत्री बनने के बाद नीतीश औऱ ललन सिंह ने आरसीपी को कैसे निपटाया ये जगजाहिर है. लेकिन पार्टी के तमाम पदों से बेदखल होने के बाद आरसीपी सिंह इन दिनों फिर से बिहार के दौरे पर निकल रहे हैं. कई जगहों पर आऱसीपी सिंह को मुख्यमंत्री बनाने जैसे नारे भी लगे. हाल में ही मीडिया से बात करते हुए आऱसीपी सिंह ने कहा था कि नालंदा के असली निवासी वे हैं, नीतीश कुमार नहीं. नीतीश का जन्म पटना जिले में हुआ था. आऱसीपी के दौरे और उनके नालंदा वाले बयान बौखलाहट जेडीयू में सबसे उपर तक पहुंची. लिहाजा उन्हें फाइनली पार्टी से विदा करने का मन बना लिया गया है. लेकिन सामान्य तरीके से नहीं बल्कि इस हाल में ताकि आरसीपी दूसरी किसी पार्टी के काम के आदमी भी नहीं बचे.