RANCHI: हाईकोर्ट ने झारखंड सरकार को बड़ा झटका दिया है. कोर्ट ने शिक्षक नियोजन नीति को निरस्त कर दिया है. इसके साथ ही 18 हजार शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को रद्द कर दिया है.
फैसला रखा था सुरक्षित
झारखंड सरकार द्वारा बनाए और लागू किए गए नियोजन नीति को चुनौती देने वाली याचिका पर कोर्ट की पूर्ण पीठ ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. कुछ दिन पहले ही इस मामले में अंतिम सुनवाई करते हुए अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. सुनवाई के दौरान झारखंड सरकार ने कहा था कि राज्य की कई परिस्थितियों को ध्यान में रखकर ही इस नीति को बनाई गई है. लेकिन कोर्ट ने उससे निरस्त कर दिया.
याचिकाकर्ता सोनी कुमारी ने राज्य सरकार ने हाई स्कूल शिक्षकों की नियुक्ति में राज्य के 13 जिले को स्थानीय अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित कर दिया है, जो संविधान के प्रावधानों के विरुद्ध है. स्थानीय नीति को लेकर हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर कर नियोजन नीति को चुनौती दी थी. जिस पर कोर्ट का आज बड़ा फैसला आया है. झारखंड सरकार नियोजन नीति में कहा गया था कि शेड्यूल एरिया में सिर्फ उसी जिले के अभ्यर्थी हाई स्कूल में नौकरी के लिए आवेदन कर सकेंगे. नॉन-शेड्यूल एरिया के 11 जिलों में किसी को भी आवेदन करने की छूट दी गयी थी.