SASARAM : बिहार में रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान हुए तनाव के बाद अब लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। रामनवमी के दूसरे दिन यानी शुक्रवार को पहले सासाराम में पथराव-आगजनी हुई। फिर नालंदा भी सुलग उठा। नालंदा में हालात सासाराम से भी अधिक बिगड़ गए। यहां पथराव के साथ फायरिंग भी हुई। इस घटना में 5 लोगों को गोली भी लगी। वैसे तो फिलहाल अब दोनों शहरों में शांति है। लेकिन तनाव कम नहीं हुआ है। सासाराम में हिंसा का खौफ ऐसा है कि कुछ लोग घर छोड़ कहीं और चले गए तो लोग पलायन को लेकर सामान बांध रहे हैं।
दरअसल, बिहार के रोहतास जिले के मुख्यालय सासाराम में रामनवमी की शोभायात्रा खत्म होने ही वाली थी। तभी शहर धधक उठा। शेरशाह का शहर सासाराम में हिंसा की आग की ऐसे जली कि लोग सिहर उठे। देखते ही देखते बेकाबू भीड़ ने आगजनी शुरू कर दी। कई गाड़ियां धू-धू कर जलने लगीं। कुछ देर तक ऐसा लग रहा था कि मानो शहर में न पुलिस है और न ही कोई प्रशासन। जब तक पुलिस जागी तब तक शहर का माहौल बदल चुका था। सड़कें जंग का मैदान बन चुकी थीं।
सासाराम के एक हिंसाग्रस्त इलाके में घर खाली करके जा रहे एक दंपती ने पुलिस प्रशासन के दावों की पोल खोल दी। घर के मुखिया ने बताया, ''जब हम लोगों की रखवाली ही कोई नहीं कर रहा तो यहां कैसे रहेंगे?'' पीड़ित परिजनों का कहना है कि घर में रखे सारे सामान जलकर राख हो गए। बेटियों के शादी के लिए रखे आभूषण जलकर खाक हो गए। अब खाने पीने के लिए भी लाले पड़ गए हैं। तो फिर यहां रहने का क्या फायदा ?
इसके अलावा, अपने बचे खुचे सामान को समेटकर जाने की तैयारी कर रही महिला ने आरोप लगाया, ''प्रशासन के सामने हमारे घरों में आग लगाई गई। सामान जलाकर राख कर दिया गया। जब हम लोगों ने मदद की गुहार लगाई तो पुलिस-प्रशासन की ओर से कहा गया कि आप लोग पहले जान बचाइए। जिंदगी रहेगी तो कितने ही घर मिल जाएंगे. इसलिए हम मजबूरी में भाग रहे हैं।
आपको बताते चलें कि, रोहतास में अभी भी धारा 144 लागू है। इंटरनेट सेवा पूरी तरह से बंद है। इलाके में पुलिस बलों को साथ लेकर खुद डीएम धर्मेंद्र कुमार तथा एसपी विनीत कुमार लगातार कैंप किए हुए हैं। इलाके के सभी दूकान बंद है। यहां का माहौल क्या है इस बात से समझा जा सकता है कि केंद्रीय गृह मंत्री का यहां कार्यक्रम था वो भी रद्द कर दिया गया।