DESK : एक तरफ पूरे देश में कोरोना का कहर जारी है तो इन सब के बीच लॉकडाउन ने लोगों की कमर तोड़कर रख दी है. लॉकडाउन से आमदनी में आई भारी कमी की भारपाई के लिए रेलवे ने खर्चों में कटौती शुरू कर दी है.
इसके लिए रेलवे के वित्त आयुक्त के प्रस्तवों को लागू किया जा रहा है. वित्त आयुक्त के नए पद बनाने और भर्ती पर रोक, वर्कशॉप में कर्मचारियों के युक्तिकरण, सीएसआर के लिए आउटसोर्सिंग, समारोहों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाना, सटेशनरी के इस्तेमाल में 50 फिसदी तक की कमी जैसे कदम उठाने को कहा है.
रेलवे के सभी मंडल महाप्रबंकों को रेलवे के वित्त आयुक्त ने चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने कहा है कि खर्च में कमी करने और आय बढ़ाने के लिए नए क्षेत्रों की खोज करनी होगी. चिट्ठी में लिखा गया है कि "जैसा कि आप जानते हैं कि सरकार ने रेलवे को पेंशन सहित अपने सभी राजस्व खर्चों को खुद पूरा करने को जरुरी कर दिया है. कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन से रेलवे की आमदनी पर उलटा असर पड़ने की पूरी संभावना है. पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में मई के अंत में रेलवे की आय में 58 फिदसी की गिरावट आई है. इलिए रेलवे मंडल को कर्मचारियों की लागत कम करने, कर्माचारियों की जरुर को तर्कसंगत बनाने और कई कामों में खर्च कम करने की बात कही गई है. "